ममता का साथ छोड़ते जा रहे हैं पुराने सभी साथी
अगले साल की शुरुआत में होने वाले पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव में बहुत ही बड़ा उलट फेर हो चुका है। शुभेंदु अधिकारी जो कि पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार में परिवहन मंत्री के पद पर बने हुए थे। लेकिन अब शुभेंदु अधिकारी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया तो यह भी जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी सीएम ममता बनर्जी से नाराज चल रहे थे । जिसके बाद उन्होंने बगावती तेवर अपना लिए हैं।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले शुभेंदु अधिकारी ने हुगली नदी आयुक्त पद से भी इस्तीफा दे दिया था। इस बात से सीएम ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा। इसी के बाद कहा यह भी जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी गृह मंत्री अमित शाह के दौरे में शामिल हो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाएंगे जिससे टीएमसी के सामने मुश्किलें खड़ी हो सकती है।
Breaking his silence minutes before joining the BJP, #SuvenduAdhikari pens an emotional open letter to the workers of TMC….says “the very people on the backs of whom the party was created are being sidelined, humiliated and outcast” pic.twitter.com/2WioHInmzu
— Marya Shakil (@maryashakil) December 19, 2020
टीएमसी सरकार के लिए क्यों महत्वपूर्ण है शुभेंदु
जैसा कि आप सभी जानते हैं नंदीग्राम से हुए मशहूर शुभेंदु अधिकारी टीएमसी सरकार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो गए हैं। यहां तक कि उन्हें टीएमसी सरकार का नंबर दो नेता नाम से भी जाना जाने लगा है। जब ममता बनर्जी ने नंदीग्राम आंदोलन चलाया तब इसके में सबसे बड़े नीति कार शुभेंदु अधिकारी रहे । इसे के बाद ममता बनर्जी की सरकार के लिए सत्ता में जाने का रास्ता बना। माना तो यह भी जाता है कि शुभेंदु अधिकारी टीएमसी में बड़े जनाधार वाले नेता है।
शुभेंदु के जाने से टीएमसी सरकार पर असर
शुभेंदु अधिकारी भी तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वैसे ही खास माने जाते रहे हैं। वही बंगाल की 65 विधानसभा सीटों पर असर पड़ सकता है। बता दें कि शुभेंदु अधिकारी 2007 में पूर्वी मिदनापुर से लेकर नंदीग्राम में एक इंडोनेशियाई रासायनिक कंपनी के खिलाफ भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन के अगुआ थे । इसी के बाद शुभेंदु ने किसानों के लिए जल संसाधन और सिंचाई में उन्नति की । जिसके कारण शुभेंदु अगर बीजेपी सरकार के साथ सत्ता में आते हैं तो पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में उनके जीतने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
शुभेंदु की जंगल महल और पूर्वी मिदनापुर इलाके में जननेता के तौर पर काफी अच्छी पहचान है. 2016 में उनके प्रभाव वाले इलाके की 49 सीटों में से 36 सीटें टीएमसी ने जीत ली थीं. बंगाल की सियासत में मुकुल रॉय, अर्जुन सिंह, सौमित्र खान, अनुपम हजारा, शंकु देब पांडा.. ये वो नाम हैं जिन्होंने ममता बनर्जी को सत्ता का सिंहासन दिलाने के लिए जी जान लगा दिया था. लेकिन बाद में इन सारे नेताओं का टीएमसी से मोहभंग हो गया और उन्होंने पार्टी का दामन छोड़ दिया. अब अगर शुभेंदु अधिकारी टीएमसी की सरकार को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाएंगे तो ममता बनर्जी के लिए बहुत ही बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी ।