राहुल गांधी का मोदी पर हमला, प्रधानमंत्री का फर्जी छवि बनाने की वजह से कोरोना नियंत्रित नहीं कर पाई सरकार
कोरोना को नियंत्रित करने में हुई अव्यवस्था को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर लगातार हमला करते आए हैं। उन्होंने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने ट्वीट करके भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ के बयान का हवाला देते हुए भारत में तेज और संपूर्ण टीकाकरण करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के झूठे ब्रांड और मेल मुहावरों की जरूरत नहीं है जिसका इस्तेमाल वैक्सीन की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है।
India needs quick & complete vaccination- not BJP’s usual brand of lies & rhyming slogans to cover-up vaccine shortage caused by Modi Govt’s inaction.
GOI’s constant attempts to save PM’s fake image are facilitating the virus & costing people’s lives. pic.twitter.com/UUeRpDabSD
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 16, 2021
देश में वैक्सीन की कमी का कारण मोदी सरकार की निष्क्रियता को बताया। उन्होंने भारत सरकार पर लगातार प्रधानमंत्री की फर्जी छवि को बचाने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने यूएस न्यूज की एक रिपोर्ट को साझा किया है जिसमे उन्होंने सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाया। उसमें कहा गया है कि कोरोना एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दो डोज के बीच के अंतराल को बिना डॉक्टरों की सलाह के भारत सरकार ने दोगुना किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 13 मई को ऐलान किया था कि कोरोना की पहली और दूसरी डोज के बीच का अंतराल 6-8 हफ्तों की बजाए 12-16 हफ्ते होगा।
यह फैसला नेशनल टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन की ब्रिटेन के ममलों पर आधारित मामलों के आधार पर लिया गया था।
उधर, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडमोलोजी के पूर्व डायरेक्टर ने कहा, “NTAGI ने कोरोना की दो खुराक के बीच के अंतराल को 8-12 हफ्तों का समर्थन किया है, यह अंतराल विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से सुझाया गया है। लेकिन डॉक्टर गुप्ते ने कहा कि 12 हफ्तों से ज्यादा के अंतराल पर वैक्सीन का क्या असर होता है इसका निष्कर्ष निकालने के लिए NTAGI के पास पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं।”
रिपोर्ट में डॉक्टर सुभाष सालुंके के उस बयान का हवाला दिया गया है। जिसमे डॉक्टर सुभाष ने दावा किया है कि उनके तरफ से मार्च माह में ही सरकार को कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर चेताने के बावजूद सरकार की ओर से इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। यही नहीं डॉक्टर सालुंके ने कहा है कि महाराष्ट्र के अमरावती में जब कोरोना के नए वैरिएंट का मामला सामने आया था तो मैंने इसको लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन इसपर कोई कदम नहीं उठाया गया।