दिल्ली दंगों के आरोपियों के बेल पर स्टे ऑर्डर लगाने के लिए दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

दिल्ली दंगों के मामले में नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा की जमानत को लेकर दिल्ली पुलिस को बड़ा झटका लगा है। इन सभी आरोपियों को मिली बेल पर रोक लगाने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

बता दें कि तीनों लोगों को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। लेकिन हाईकोर्ट के इस फैसले को दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिस पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने जमानत में दखल देने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम इस मामले में कोई स्टे नहीं दे रहे हैं। इस स्टेज पर आरोपियों की की रिहाई में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर नाखुशी जरूर जताई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को मिसाल के तौर नहीं देखा जा सकता, लेकिन बेल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

बता दें कि फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा भड़की थी, इसी से जुड़े मामले में कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और आसिफ इकबाल तनहा को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने तीनों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत मुकदमा कायम किया था। बीते साल मई से तिहाड़ जेल में बंद इन लोगों को इसी हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट ने इन तीनों को को जमानत दे दी थी। जिसके बाद गुरुवार शाम ये लोग रिहा हो गए।

हालांकि दिल्ली पुलिस ने इन तीनों आरोपियों के जमानत का विरोध किया था, फिर भी दिल्ली हाईकोर्ट ने बेल मंजूर कर ली। उसके बाद दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी थी, जिसे उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया।