लंबी लड़ाई के बाद मलेरिया-मुक्त देश बना चीन
विश्व स्वास्थ्य संगठन से चीन को मलेरिया मुक्त होने का प्रमाण पत्र मिल गया है। पिछले चार सालों से चीन में मलेरिया का कोई मामला सामने नहीं आया है।
साल 1940 में चीन में इस संक्रमित बीमारी के तीन करोड़ से ज्यादा मामले सामने आए थे लेकिन पिछले चार सालों से चीन में स्वदेशी मलेरिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने चीन की इस उपलब्धि पर वहां के लोगों को बधाई दी है। उन्होंने आगे कहा कि बहुत मुश्किल से चीन को ये सफलता हासिल हुई है और इस मुकाम तक पहुंचने में चीन को दशक लग गए। इस घोषणा के बाद चीन से उन देशों की सूची में अपना नाम शामिल कर लिया है, जो पहले से मलेरिया-फ्री हैं और संदेश जारी करती हैं कि दुनिया में मलेरिया-फ्री भविष्य भी हो सकता है।
जिस देश में लगातार तीन सालों से मलेरिया का कोई स्वदेशी मामला सामने नहीं आया हो, वो विश्व स्वास्थ्य संगठन में सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकता है। ऐसा करने के लिए देशों को सबूत पेश करने होंगे और संक्रमण को फिर से फैलने से रोकने की क्षमता को दिखाना होगा।
चीन दुनिया का 40वां देश बन गया है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन से ये प्रमाण पत्र मिला है। इसके अलावा दुनिया के 61 देश ऐसे भी हैं, जहां मलेरिया बीमारी कभी अस्तित्व में आई ही नहीं। नवंबर में छपी विश्व स्वास्थ्य संगठन की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 से इस बीमारी से मरने वालों लोगों की संख्या में कमी आ रही है।