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भारत का जीआई टैग प्राप्त फाजिल आम पहुंचा बहरीन, पश्चिम बंगाल के किसानों को होगा सीधा फायदा

भौगोलिक संकेतक (GI) प्रमाणित फाजिल आम की खेप का बहरीन को निर्यात किया गया है। वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि यह आम पश्चिम बंगाल के माल्दा जिले का है। जीआई के दर्जे की वजह से उत्पादकों को उनके उत्पाद की अच्छी कीमत मिलती है। कोई अन्य उत्पादक उस नाम का दुरुपयोग नहीं कर सकता।

जीआई का दर्जा किसी विशेष क्षेत्र के कृषि, प्राकृतिक या विनिर्मित उत्पाद (हस्तशिल्य या औद्योगिक सामान) को दिया जाता है। इस तरह का नाम गुणवत्ता और विशिष्टता का प्रतीक होता है. दार्जिलिंग चाय, तिरुपति का लड्डू, कांगड़ा पेंटिंग, नागपुर का संतरा या कश्मीरी पश्मीना इसी तरह के उत्पाद हैं।

एक बयान में कहा गया है कि जून, 2021 में बहरीन में एक सप्ताह का आम संवर्धन कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजन में आम की 16 किस्में प्रदर्शित की गईं. इनमें तीन जीआई प्रमाणित किस्में थीं। इनमें खिरसापतिन एवं लक्ष्मणभोग (पश्चिम बंगाल) और जरदालू (बिहार) किस्में शामिल थीं। जहां देश के ज्यादातर राज्यों में आम की पैदावार होती है, आम के कुल उत्पादन में उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक का प्रमुख हिस्सा है।

भारत में आम को ‘फलों का राजा’ कहा जाता है। प्राचीन ग्रंथों में इसे कल्पवृक्ष के नाम से संदर्भित किया जाता है. वैसे तो भारत में अधिकांश राज्यों में आमों के बागान हैं, पर उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक जैसे राज्यों की फल के कुल उत्पादन में बड़ी हिस्सेदरी है। अल्फोंसो, केसर, तोतापुरी तथा बनगनपल्ली भारत की अग्रणी निर्यात किस्में हैं। आमों का निर्यात मुख्य रूप से तीन रूपों में होता है: ताजे आम, आम का गूदा और आम के स्लाइस। आमों को एपीडा पंजीकृत पैकहाउस सुविधा केंद्रों द्वारा प्रोसेस किया जाता है और उसके बाद मिडल ईस्ट, यूरोपीय संघ, जापान और दक्षिण कोरिया सहित विभिन्न क्षेत्रों व देशों में निर्यात किया जाता है।

बहरीन के अलावा एपीडा ने खाड़ी देश कतर की राजधानी दोहा में भारतीय आम की प्रदर्शनी लगाई थी। भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। हाल के महीनों में भारत से तमाम फलों का खाड़ी देशों के साथ यूरोपीय देशों और अमेरिका में भी निर्यात किया गया है। एपीडा के माध्यम से एक्सपोर्ट के काम को सफलतापूर्वक अंजाम दे रही सरकार की कोशिश किसानों की आय बढ़ाना है ताकि वे समृद्ध जीवन जी सकें।