किसान आंदोलन के लिए वकीलों की नियुक्ति पर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने-सामने, उपराज्यपाल के सुझाव को दिल्ली की कैबिनेट ने किया खारिज

किसान आंदोलन के वकीलों के नियुक्ति को लेकर एक बार फिर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने-सामने हैं। दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल एक दिन पहले ही राज्य सरकार को दिल्ली पुलिस की वकीलों के पैनल को किसानों के वकील के रूप नाम को मंजूर करने को कहा था।

लेकिन दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने सुझाए गए वकीलों के पैनल को खारिज कर दिया है और दिल्ली कैबिनेट का फैसला उपराज्यपाल को भी भेज दिया गया है।

बता दें कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार चाहती है कि किसान आंदोलन के लिए सरकारी वकीलों का पैनल की नियुक्ति वह खुद करें।

इसके लिए दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को वकीलों की नियुक्ति के लिए एक प्रस्ताव भी भेजा था जिसे गुरुवार को उपराज्यपाल ने खारिज करते हुए दिल्ली सरकार को कैबिनेट बैठक कर दिल्ली पुलिस के बताए पैनल को अनुमोदित करने को कहा था। हालांकि दिल्ली कैबिनेट ने शुक्रवार की बैठक में उपराज्यपाल द्वारा सुझाए गए दिल्ली पुलिस के पैनल को खारिज कर दिया।

वहीं इसपर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये बहुत दुखद है कि जनता द्वारा चुनी गई सरकार के कामों में केंद्र सरकार बार-बार उपराज्यपाल के माध्यम से अड़ंगा लगाने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि ‘वकीलों की नियुक्ति ट्रांसफर्ड विषय का हिस्सा है और इस पर निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार के पास है। उसके बावजूद उपराज्यपाल की तरफ से इसमें बार-बार हस्तक्षेप करना संविधान के खिलाफ जाना है।’