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उत्तरप्रदेश: लखनऊ के 45 अस्पतालों पर छापा, ज्यादातर के पास लाइसेंस ही नहीं

उत्तरप्रदेश: लखनऊ जिला प्रशासन ने शहर के कुछ प्राइवेट अस्पतालों पर छापेमारी की तो इलाज के नाम पर लोगों की जिंदगी से हो रहे खिलवाड़ की गंदी तस्वीर सामने आई है। बताते हैं तमाम अस्पतालों के पास लाइसेंस ही नहीं था और कहीं था भी तो उसकी मियाद निकल चुकी थी यानी कि वो एक्सापायरी था, वहीं तमाम जगहों पर प्रशिक्षित डॉक्टर ही नहीं मिले बल्कि उनकी जगह पर महज ग्रेजुएशन किए हुए यानी बीएससी पास लोग इलाज करते नजर आए।

एक अस्पाताल में छापेमारी में सामने आया कि मैटरनिटी एंड ट्रॉमा सेंटर में तीन आईसीयू के बेड तो मिले लेकिन एक्स-रे व इमरजेंसी की सुविधाएं नदारद थीं, डॉक्टर भी नहीं थे बल्कि स्टॉफ नर्स के पास नर्सिंग की डिग्री तक मौजूद नहीं थी, एक हॉस्पिटल में भी एएनएम का कोर्स कर रहे स्टूडेंट नर्सिंग व ओटी टेक्निशियन की ड्यूटी करते दिखे।

एक अस्पाताल में तो गजब ही तस्वीर सामने आई है वहां ऑपरेशन थियेटर के फ्रिज में बीयर की बोतलें मिलीं कायदे से यहां पर दवाइयां रखी होनी चाहिए थीं साथ ही अस्पताल के लाइसेंस की वैद्यता भी खत्म हो गई थी, इसी तरह से कई और हॉस्पिटल्स की लाइसेंस की वैद्यता भी खत्म पाई गई जिसे रिन्यू भी नहीं कराया गया था।

यह सच्चाई सामने आते ही जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने सभी अस्पतालों में नोटिस जारी किया है। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि “अगर अस्पताल मैनेजमेंट ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो सीलिंग करवा दी जाएगी।”

अस्पताल जाकर लोगों को थोड़ी राहत मिलती है कि अब हम सही हो जाएंगे क्योंकि डॉक्टर हमे सही कर सकते है लेकिन अगर अस्पताल ऐसे होने लगे तो लोगों का विश्वास डॉक्टरों पर से उठ जाएगा।