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‘दैनिक भास्कर’ और टीवी चैनल ‘भारत समाचार’ पर आयकर विभाग की छापे पर विदेशों में भी हो रही तीखी आलोचना : जानिए विदेशी मीडिया समूहों ने क्या कहा

भारत में मीडिया समूह ‘दैनिक भास्कर’ और टीवी चैनल ‘भारत समाचार’ के परिसरों पर आयकर छापे की देश में निंदा तो हो ही रही है लेकिन विदेशों में भी इसकी आलोचना होने लगी है।

अमेरिका स्थित एक मीडिया समिति ने इस छापे की आलोचना की। उसने कहा कि “भारत को सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया घरानों को ‘डराने’ के लिए ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।”

‘कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स’ (सीपीजे) ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की अपनी लंबी परंपरा को पुनर्जीवित करने की वकालत की। आगे कहा कि “पत्रकारों को सार्वजनिक हित के मामलों पर स्वतंत्र रूप से खबरें देने की अनुमति देनी चाहिए।”

गौरतलब है कि कल यानी गुरुवार को कई राज्यों में ‘दैनिक भास्कर’ और ‘भारत समाचार’ के परिसरों में आयकर विभाग ने कथित तौर पर ‘कर चोरी के मामले’ छापेमारी की थी। बता दें कि दैनिक भास्कर की पाठकों की संख्या 12 राज्यों में अच्छी खासी है। इसका समाचार पत्र के अलावा उसका अपना रेडियो स्टेशन, वेब पोर्टल के साथ मोबाइल ऐप भी है। सुबह करीब साढ़े पांच बजे हुई छापेमारी देर शाम तक विभिन्न राज्यों में 30 स्थानों पर चलती रही।

अमेरिकी मीडिया समिति ने भी इस छापेमारी की निंदा की। साथ ही भारत सरकार को नसीहत भी दे दी।
सीपीजे के एशिया कार्यक्रमों के समन्वयक स्टीवन बटलर ने कहा, “दैनिक भास्कर और भारत समाचार के परिसरों पर आयकर विभाग के छापों का इस्तेमाल… भारत सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया घरानों को डराने-धमकाने के उद्देश्य से की गई कार्यवाही स्पष्ट रूप से एक घटिया रणनीति है और इसे रोके जाने की आवश्यकता है।”

उन्होंने बताया, “भारत को प्रेस की स्वतंत्रता की अपनी लंबी परंपरा को पुनर्जीवित करना चाहिए, इन जांचों को बंद करना चाहिए और पत्रकारों को सार्वजनिक हित के मामलों पर स्वतंत्र रूप से खबरें देने की अनुमति देनी चाहिए।” उन्होंने भारतीय अधिकारियों से तुरंत मीडिया समूह दैनिक भास्कर के कार्यालयों और उसके प्रबंध निदेशक के घर पर कब्जा छोड़ने की मांग की और ‘दैनिक भास्कर’ तथा ‘भारत समाचार’ के कर्मचारियों को परेशान करने से रुकने की नसीहत दी।”