छत्तीसगढ़: ग्रीन कमांडो की नयी पहल, पेड़ों को कटने से बचाने के लिए उन पर चिपका रहा भगवान की तस्वीरें
छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बालोद ज़िले में रहने वाले वीरेन्द्र सिंह गुनगुना जिन्हें “ग्रीन कमांडो” और “जल स्टार” के नाम से भी जाना जाता है वे क़रीब 2900 पेड़ों को कटने से बचाने के लिए उन पर भगवान की तस्वीरें चिपका रहे हैं।
बता दें कि तरौद-दैहान बायपास बनाने के लिए इन पेड़ों को काटा जाना है इसलिए प्रकृति प्रेमी ग्रीन कमांडो इसे बचाने के उद्देश्य से सभी पेड़ों पर भगवान की तस्वीरें लगा रहे है।
छत्तीसगढ़: बालोद ज़िले में वीरेन्द्र सिंह गुनगुना जिन्हें ग्रीन कमांडो के नाम से भी जाना जाता है, क़रीब 2900 पेड़ों को कटने से बचाने के लिए उन पर भगवान की तस्वीरें चिपका रहे हैं। तरौद-दैहान बायपास बनाने के लिए इन पेड़ों को काटा जाएगा। pic.twitter.com/U43foapwOY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 25, 2021
कौन है प्रकृति प्रेमी ग्रीन कमांडो
वीरेंद्र सिंह को बचपन से ही प्रकृति से प्यार है, किन्तु प्रगति की इस अंधी दौड़ में हम सब पेड़-पौधे से बहुत दूर होते चले जा रहे है। हालांकि अभी लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को बचाना कितना जरुरी है। लेकिन वीरेंद्र सिंह की कोशिश तो करीब आज से 20 साल पहले ही शुरू ही गई थी जब उन्होंने देखा कि लकड़ियों के लिए गाँव के लोग जंगलों का सफाया करते जा रहे हैं।
वीरेंद्र सिंह ने अपने सभी कार्य और अभियान जन-सहभागिता के साथ किए है, उन्होंने अपने गाँव में काम करने के साथ ही साइकिल यात्राएँ भी की है । सबसे पहले साल 2007 में उन्होंने दुर्ग जिले से नेपाल तक की यात्रा की, जिसमें उनके साथ दस लोग थे। इसके बाद, साल 2008 में अपने 11 साथियों के साथ छत्तीसगढ़ के भ्रमण पर निकले और लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। इसके साथ ही उन्होंने राजहरा से कुसुमकसा तक 7 किमी तक 15000 स्कूली छात्रों के साथ मिलकर मानव-श्रृंखला बनाई और लोगों को जागरूक किया।
उन्होंने अब तक हजारों की संख्या में पेड़-पौधे अपने गाँव और आस-पास के गांवों में लगाए हैं।
वह एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे हैं, और अपने वेतन का एक हिस्सा पर्यावरण संरक्षण के लिए खर्च किया करते हैं।
उनकी पहलों और नेक कामों के लिए आम लोगों के साथ ही सरकार की भी सराहना मिल रही है। उन्हें अब तक कोई छोटे -बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चूका है।