चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का तिब्बत दौरा भारत के लिए खतराः डेविड नुनेस
अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का पिछले सप्ताह तिब्बत के दौरे को भारत के लिए एक खतरा बताया है। दरअसल, गत बुधवार को शी ने अरुणाचल प्रदेश के निकट स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने वहां शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मुलाकात कर तिब्बत में विकास परियोजनाओं की समीक्षा की थी।
रिपब्लिकन सांसद डेविड नुनेस ने ‘फॉक्स न्यूज’ एक साक्षात्कार देते समय कहा, ‘‘ चीनी तानाशाह शी चिनफिंग ने पिछले सप्ताह भारत की सीमा के पास तिब्बत का दौरा करके अपनी जीत का दावा किया। मुझे लगता है कि पिछले 30 साल में यह पहली बार है, जब चीनी तानाशाह तिब्बत गए हों। यह एक अरब से अधिक की आबादी वाले और परमाणु शक्ति से सम्पन्न भारत के लिए एक खतरे की बात है। भारत के लिए यह खतरे की बात है कि वह एक बड़ी जल परियोजना विकसित करने वाले हैं, जिससे भारत की जल आपूर्ति बाधित हो सकती है।’’
न्यिंगची की यात्रा के दौरान ‘न्यांग रिवर ब्रिज’ गए थे, जिसे तिब्बती भाषा में ‘यारलुंग ज़ंगबो’ कहा जाता है। वहां शी ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में पारिस्थितिक संरक्षण का निरीक्षण किया। न्यिंगची, तिब्बत में एक प्रांत स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। गौरतलब है कि चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता रहा है और भारत हमेशा उसके इस दावे को दृढ़ता से खारिज किया है। भारत-चीन के बीच 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा विवाद है।
सांसद ने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि चीन आगे बढ़ रहा है और (अमेरिका के राष्ट्रपति जो) बाइडन का प्रशासन उसे हर वह चीज करने दे रहा है, जो वह चाहता है।’’ बता दें कि चीन पर तिब्बत में सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता को दबाने के आरोप लगता रहा है और चीन इसे नकारते आया है। शी का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल मई से शुरू भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बीच हुआ है।