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सामने आया चीन का दोहरा चरित्र, तालिबान के प्रतिनिधिमंडल से चीनी विदेश मंत्री ने मुलाकात की

तालिबान के आतंक से परेशान अफगानी जनता के लिए चीन जहां एक ओर चिंता जता रहा है वहीं दूसरी ओर तालिबानी दल के साथ बैठक भी कर रहा है। मुल्ला अब्दुल गनी बरादर की अगुवाई में तालिबान का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को अचानक चीन पहुंचा जिसके साथ चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने वार्ता की। बातचीत के दौरान तालिबान ने बीजिंग को “भरोसेमंद दोस्त’ बताया और यह भी आश्वासन दिया कि समूह किसी को भी ‘अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल करने की’ इजाजत नहीं देगा।

बता दें कि अमेरिका और नाटो के बलों की वापसी के ऐलान के बाद तालिबान और चीन के मध्य यह पहली बैठक है। तालिबान द्वारा सरकारी बलों के कब्जे वाले काफी क्षेत्र पर नियंत्रण कर लेने से चीन चिंतित हो रहा था कि उसके अस्थिर शिनजियांग प्रांत के उईगर आतंकवादी समूह, ईस्ट तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) अफगान सीमा से घुसपैठ कर सकते हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने मीडिया ब्रीफिंग में बरादर और वांग के बीच मुलाकात की पुष्टि की। मंत्रालय ने बरादर की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ वांग की बीजिंग के नज़दीक बंदरगाह शहर तिआंजिन में हुई मुलाकात की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा भी किया है।

इस पहले 25 जुलाई को वांग ने चेंगदू शहर में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात की थी और दोनों देशों ने अफगानिस्तान में आतंकवादी बलों को खदेड़ने के लिए पाकिस्तान और चीन की ‘संयुक्त कार्रवाई’ शुरू करने का एलान किया।

संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट जारी किया था जिसमें ईटीआईएम के सैकड़ों लड़ाके का अफगानिस्तान के बदख्शान प्रांत में जमा होने की बात कही गई है। यह प्रांत चीन के अस्थिर शिनजियांग प्रांत की सीमा से सटा है। वांग ने कहा कि ईटीआईएम एक सूचीबद्ध आतंकवादी संगठन है जो क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा है।

उन्होंने उम्मीद जताई है कि “तालिबान अपने और ईटीआईएम के बीच एक स्पष्ट रेखा खींच सकता है। इससे आतंकवाद के खात्मे के लिए अनुकूल स्थिति पैदा होगा। बरादर ने कहा, ‘चीन एक भरोसेमंद दोस्त है।”

विज्ञप्ति के मुताबिक, “उन्होंने सुलह प्रक्रिया में चीन की निष्पक्ष और सकारात्मक भूमिका की सराहना की।” बरादर ने ईटीआईएम का जिक्र किए बिना कहा, “अफगानिस्तान किसी को भी अपने क्षेत्र का इस्तेमाल ऐसे काम के लिए करने की इजाजत नहीं देगा जो उसके लोगों के हितों को कमजोर करते हों।” बरादर ने कहा, “अफगानिस्तान अपने पड़ोसियों के साथ दोस्ताना रिश्ते बनाना चाहेगा। अफगानिस्तान तालिबान भविष्य में विकास के लिए और ज्यादा साझेदार बनाना चाहेगा।”

उन्होंने कहा, “अफगान तालिबान निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगा और इस संबंध में प्रासंगिक कोशिश करेगा।” उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान में सुलह तक पहुंचने की गंभीरता है और वह एक ऐसा ढांचा बनाना चाहता है जो सभी गुटों को स्वीकार्य हो। तालिबान महिलाओं और बच्चों के अधिकार सुनिश्चित करेगा।”

वांग ने कहा, “हम अफगानिस्तान की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करते हैं। हम अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। हम अफगानिस्तान के लोगों के प्रति मैत्रीपूर्ण नीति का पालन करते हैं।”

उन्होंने बरादर से कहा कि अमेरिका और अन्य नाटो सैनिकों के जल्दबाजी में जाने से खुद के देश के स्थायी विकास के लिए अफगान लोगों के हाथ में नए मौके होंगे।