Happy Birthday Sonu Sood: जानिए इनके रील लाइफ हीरो से रियल लाइफ हीरो बनने तक के सफर को
एक सच्चा अभिनेता वही होता है जो रील लाइफ के साथ-साथ रियल लाइफ में भी अपना किरदार बखूबी से निभाता है। सोनू सूद ने अपने रियल लाइफ में भी एक बेहतरीन इंसान का किरदार निभाया है। जिस तरह से कोविड-19 के दौरान अपने घरों से दूर फंसे मजदूरों को अपने घरों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया था, वो किसी तारीफ से कम नहीं है।
आज उसी रियल लाइफ हीरो सोनू सूद का जन्मदिन है। इनका जन्म 30 जुलाई 1973 को लुधियाना, पंजाब में हुआ था।
सोनू को हीरो बनना था लेकिन परिवारवालों के कहने पर वो इंजीनियरिंग करने के लिए नागपुर गए। सोनू इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर भी बन गए लेकिन हीरो बनने के अपने सपने को पुरे करने के लिए वो मुंबई गए ।
सोनू को साउथ इंडियम फिल्म में काम करने का मौका मिला और उन्होंने साल 1999 में तेलुगू फिल्म ‘कल्लाज़गार’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। काफी संघर्षों के बाद आखिरकार साल 2001 में बॉलिवुड में उनके लिए दरवाजा खुले । सोनू की पहली बॉलिवुड फिल्म ‘शहीद-ए-आजम’ है जिसमें उन्होंने भगत सिंह के किरदार को निभाया। इस फिल्म के बाद से सोनू ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
सोनू सूद ने अलग-अलग भाषाओं जैसे कि हिंदी, तमिल, तेलुगू, पंजाबी और कन्नड़ भाषा सहित कई फिल्मों में काम किया है।
कोरोना काल में सोनू सूद ने न सिर्फ प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया, बल्कि दूसरे देशों में फंसे छात्रों जो मेडिकल की पढ़ाई के लिए किर्गिस्तान गए थे। उनको वहां से वापस घर लाने में मदद की थी । करीब 3 हजार स्टूडेंट्स को एयरलिफ्ट कराकर वापस उन्हें अपने देश लेकर आए थे।
उन्होंने हजारों लोगों को उनके घर वापस पहुंचने में सहायता की है। साथ ही उन्होंने सभी जरुरतमंदो की चिकित्सा और शैक्षिक सहायता में भी मदद की है।
देश में जब कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बनकर आयी तब बेड, वेंटिलेटर और मेडिकल ऑक्सीजन की कमी थी तब सोनू सूद ने जरूरतमंद लोगों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की भी मदद किया।
साउथ इंडिया के फिल्मों से बॉलीवुड के गलियारों तक उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया है।उन्होंने लोगों के जीवन में भी अपनी एक ख़ास जगह बनाई है। वे एक सफल अभिनेता के साथ – साथ एक फिल्म निर्माता भी है।
कोरोनाकाल में लोगों के लिए किये गए मदद ने उन्हें वास्तविक जीवन के मसीहा का खिताब दिया है ।