अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने तिब्बती नेता दलाईलामा के प्रतिनिधि से भेंट पर चीन की नाराजगी, कहा अमेरिका ने तिब्बत आजादी का समर्थन नहीं करने की अपनी प्रतिबद्धता का किया उल्लंघन
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाईलामा के प्रतिनिधि से नई दिल्ली में मुलाकात की जिस पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका से तिब्बत के नाम पर चीन के अंदरूनी मामले में दखल नहीं देने और तिब्बती आजादी की ताकतों को चीन विरोधी गतिविधियों में सहयोग नहीं करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने की अपील करते हैं।
ब्लिंकन और निर्वासित तिब्बत सरकार के अधिकारी और दलाई लामा के प्रतिनिधि न्गोडुप डोंगचुंग के बीच बुधवार को भेंट हुई जो चीन के लिए बाइडन प्रशासन की तरफ से तिब्बत मुद्दे का समर्थन जारी रखने का स्पष्ट संकेत देता है। बैठक में डोंगचुंग ने ब्लिंकन का अमेरिका द्वारा तिब्बत आंदोलन का समर्थन जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस संबंध के सवाल पर अमेरिका के विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, “विदेश मंत्री को नई दिल्ली में आज सुबह महामहिम दलाई लामा के प्रतिनिधि, सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन के प्रतिनिधि न्गोडुप डोंगचुंग से संक्षिप्त मुलाकात करने का मौका मिला।” इससे इतर, ब्लिंकल ने नागरिक समाज के सात सदस्यों के साथ गोलमेज बैठक भी की जिसमें अन्य तिब्बती प्रतिनिधि गीशी दोरजी दामदुल शामिल हुए।
वहीं प्रेस ब्रीफिंग के दौरान सरकारी मीडिया ने चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान से प्रतिक्रिया मांगी। इस पर उन्होंने कहा, “तिब्बत मामला विशुद्ध रूप से चीन का अंदरूनी विषय है जिसमें विदेशी दखल की इजाजत नहीं है।” उन्होंने कहा, “14वें दलाईलामा किसी भी तरह धार्मिक व्यक्ति नहीं बल्कि एक राजनीतिक निर्वासित शख्स हैं जो लंबे समय से चीन-विरोधी अलगाववादी गतिविधियों एवं तिब्बत को चीन से अलग करने के प्रयास में लगे हैं।”
उन्होंने कहा कि चीन विदेशी अधिकारियों एवं दलाईलामा के बीच किसी भी प्रकार के संपर्कों का जोरदार विरोध करता हैं। उन्होंने कहा, “अमेरिका और दलाई गुट के बीच कोई भी औपचारिक संपर्क तिब्बत को चीन का हिस्सा मानने एवं तिब्बत की आजादी एवं उसे चीन से अलग करने की कोशिशों का समर्थन नहीं करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता का उल्लंघन है।”
झाओ ने कहा, “हम अमेरिका से तिब्बत के नाम पर चीन के अंदरूनी मामले में दखल नहीं देने और तिब्बती आजादी की ताकतों को चीन विरोधी गतिविधियों में सहयोग नहीं करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने की अपील करते हैं।”