बंगाल के बाद अब भारत के लिए लड़ना चाहती हैं ममता बनर्जी : जावेद अख्तर
दिल्ली दौरे पर आई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुलाकातों का सिलसिला जारी है। गुरुवार को गीतकार-लेखक जावेद अख्तर और अभिनेत्री शबाना आज़मी ने टीएमसी सुप्रीमों से मुलाकात की। ‘परिवर्तन’ की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल ने हमेशा ‘क्रांतिकारी आंदोलनों’ का नेतृत्व किया है। उन्होंने कलाकारों को रॉयल्टी देने का आश्वासन देने वाले विधेयक का समर्थन करने के लिए ममता बनर्जी को ‘धन्यवाद’ दिया।
जावेद अख्तर ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से बंगाल हमेशा क्रांतिकारी आंदोलनों में सबसे आगे रहा है इसी वजह से राज्य में कलाकार और बुद्धिजीवी बनर्जी के साथ खड़े रहे। जब उनसे पूछा गया कि क्या बदलाव की जरूरत है, तो अख्तर ने कहा, “मैं सभी के लिए नहीं कह सकता लेकिन व्यक्तिगत रूप से, मुझे लगता है कि ‘परिवर्तन’ होना चाहिए. देश में अभी कई तनाव हैं। ध्रुवीकरण का मुद्दा है, कई लोग आक्रामक बयान देते हैं… हिंसा की घटनाएं होती हैं। यह शर्म की बात है कि दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए। ये चीजें नहीं होनी चाहिए।”
बनर्जी को बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का नेतृत्व करना चाहिए या नहीं के सवाल पर अख्तर ने कहा कि बातचीत के दौरान उन्होंने कभी नहीं कहा कि उनकी महत्वाकांक्षा विपक्षी मोर्चे की नेता बनने की है। अख्तर ने कहा, “हालांकि, वह परिवर्तन में विश्वास करती हैं। वह पहले बंगाल के लिए लड़ी थीं, अब वह भारत के लिए लड़ना चाहती हैं। महत्वपूर्ण सवाल यह नहीं है कि कौन नेतृत्व करेगा और कौन नहीं। महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आप किस तरह का भारत चाहते हैं और आप किस तरह की परंपरा, माहौल, स्वतंत्रता और लोकतंत्र चाहते हैं? हमें गर्व है कि हमारे पास लोकतंत्र है लेकिन हमें इसे बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए… लोकतंत्र एक सतत प्रक्रिया है। यह स्थिर नहीं है, यह गतिशील है।”
गीतकार ने खेला होबे (खेल होगा) नारे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि नारे को अब किसी समर्थन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “अब यह चर्चा से आगे निकल चुका है।” अख्तर के बोलते समय वहां खड़ी बनर्जी ने चुटकी लेते हुए कहा, “खेला होबे से आपको एक गान बनाना है।”
बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा जीत के बाद पहली बार पांच दिवसीय दौरे पर पर दिल्ली आई थी।