यूपी पुलिस की मुहर्रम गाइडलाइंस पढ़ क्यों भड़क गए शिया धर्मगुरु, जानिए पूरा मामला
उत्तरप्रदेश में मुहर्रम के मौके पर उत्तरप्रदेश पुलिस ने सर्कुलर जारी किया है। जिसमे इस साल मुहर्रम पर जुलूस नहीं निकालने का निर्देश दिया गया है। इस सर्कुलर को पढ़कर शिया धर्मगुरु भड़क गए और हंगामा शुरू हो गया है।
बता दें कि शिया समुदाय मुहर्रम के 68 दिनों में शोक मनाता है, मुहर्रम की 10वीं तारीख को ताजिया निकाला जाता है। इसबार ताजिया 19 जुलाई को निकलना था, जिसपर पाबंदी लगा दी गई है।
क्या है विवाद की वजह
विवाद की वजह यह है कि गाइडलाइंस के चौथे पाइंट के एक हिस्से में लिखा है, पुराने लम्बित धार्मिक एवं साम्प्रदायिक प्रकरणों तथा ऐसे नये उठने वाले विवादों, अपरम्परागत धार्मिक जुलूसों एवं कार्यो, यौन संबंधी घटनाओं, गौवंश वय/परिवहन आदि घटनाओं को लेकर पूर्व में अनेक अवसरों पर सम्प्रदायिक सद्भाव प्रभावित होता रहा है। उक्त के दृष्टिगत विशेष सर्तकता अपेक्षित है।
गाइडलाइंस पर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने आपत्ति जताते हुए आज तक को कहा कि ‘इसके लिए पुलिस को को कोर्ट में लेकर जाना चाहिए क्योंकि शिया के ऊपर झूठे आरोप है। मुहर्रम में रेप होते हैं, गाय काटी जाती हैं क्या यह सब कोविड गाइडलाइन हैं? ऐसा करके सिर्फ शिया-सुन्नी नहीं बल्कि हिंदू-मुस्लिम का भाईचारा खराब करने की कोशिश है। उन्होंने इस लेटर को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि वे लोग खुद कोरोना की वजह से जुलूस नहीं निकालने वाले थे।
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने फोन पर आज तक से कहा कि तीन-चार साल से यही सर्कुलर जारी हो रहा है। इसमें कोई भी नई बात नहीं लिखी गई है। इंटेलिजेंस के इनपुट के आधार पर यह अपने अफसरों को सतर्कता बरतने के लिए जारी किया गया था, जो कि पुलिस विभाग का इंटरनल सर्कुलर है। किसी बाहरी व्यक्ति के लिए इससे कोई सरोकार नहीं है। प्रशांत कुमार ने कहा कि इसमें कुछ विवादित नहीं है और ना ही कोई नई बात जोड़ी गई है।