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कैबिनेट ने 2026 तक किया समग्र शिक्षा योजना का विस्तार

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को स्कूली शिक्षा के लिए समग्र शिक्षा योजना के कार्यकाल को 2026 तक विस्तार दे दिया। इस पर करीब 2.94 लाख करोड़ रुपये खर्च आएगा।

सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवादताता सम्मेलन में यह जानकारी दी। प्रधान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने संशोधित समग्र शिक्षा योजना को पांच साल की अवधि के लिए यानी 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक तक जारी रखने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

प्रधान ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान-दो पर 2,94,283.04 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें केंद्र का हिस्सा 1,85,398.32 करोड़ रुपये होगा।

उन्होंने बताया कि इस योजना में सरकार और सहायता प्राप्त स्कूल (पूर्व-प्राथमिक से वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक) के 11.6 लाख स्कूल, 15.6 करोड़ से अधिक छात्र और 57 लाख शिक्षक शामिल हैं। समग्र शिक्षा योजना आने वाले समय में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम जोड़ेगी। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाल में घोषित सरकारी स्कूलों में भी प्ले स्कूल खोलने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पहली बार देश में 3 साल के बच्चों के लिए प्ले स्कूल की कल्पना की गई है। अगले कुछ सालों में चरणबद्ध ढंग से स्कूलों में बाल वाटिका और स्मार्ट कक्षा तैयार की जाएंगी।

इसके साथ ही उन्होंने बच्चों की बुनियादी शिक्षा के लिए अध्यापकों की ट्रेनिंग को जरूरी बताते हुए कहा कि बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए अध्यापकों की ट्रेनिंग होगी। आधारभूत ढांचे, व्यावसायिक शिक्षा एवं रचनात्मक शिक्षण विधियों का भी विकास किया जाएगा।

स्कूली शिक्षा को बोझ रहित बनाने के लिए विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के लिए नजदीकी उद्योगों में भेजने की व्यवस्था की जाएगी। इसके क्रेडिट पॉइंट उन्हें दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त ग्रांट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का दायरा बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा।