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मौद्रिक नीति: रेपो रेट में नहीं किया गया बदलाव, 4 प्रतिशत ही बनी रहेगी मुख्य दर

रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश कर दी गयी है। कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका और रीटेल महंगाई के बढ़ने के खतरे को देखते हुए ब्याज दरों को पहले जैसा ही रखा गया है उसमे कोई बदलाव नहीं की गयी है।

भारतीय रिज़र्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा करते हुए कहा कि आरबीआई ने इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, प्रमुख ब्याज दरें 4 प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 प्रतिशत पर बिना किसी बदलाव बरकरार रखा गया है।

बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार 7वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, यानी आपके होम लोन या ऑटो लोन की EMI पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।

शक्तिकांत दास ने बताया कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट को 4.25 प्रतिशत पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने इस बार भी अपना रुख एकॉमडेटिव (उदार) रखा है।

इस बार रिजर्व बैंक ने सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि के अपने अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपना जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5 फीसदी पर ही बरकरार रखा है।

सीपीआई इंफ्लेशन यानी खुदरा मुद्रास्फीति में भी बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले सीपीआई इंफ्लेशन का अनुमान 5.1% पर था। आरबीआई द्वारा खुदरा मुद्रास्फीति को वित्तवर्ष 2021-22 के लिए 5.7 प्रतिशत पर रखा गया है।

खास बातें:

आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार फीसदी पर बरकरार है। यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है।

मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट भी 4.25 फीसदी पर स्थिर है।

दास ने आगे कहा कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।

इसके साथ ही बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। यह 4.25 फीसदी पर है।

केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक रुख को ‘उदार’ बनाए रखा है। उदार रुख पर छह में से पांच सदस्य सहमत थे।

भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में देश की वास्तविक जीडीपी में 9.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया है।

इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 21.4 फीसदी होगी, दूसरी तिमाही में 7.3 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.3 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.1 फीसदी।

शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश की वास्तविक जीडीपी 17.2 फीसदी रह सकती है।

मुद्रास्फीति पर दास ने कहा कि, वित्त वर्ष 2021-2022 में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.7 फीसदी रह सकती है। पिछली बैठक में 5.1 फीसदी का अनुमान लगाया गया था।

दूसरी तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी रह सकती है, तीसरी तिमाही में 5.3 और चौथी तिमाही में यह 5.8 फीसदी हो सकती है।

मुद्रास्फीति पर दास ने कहा कि, वित्त वर्ष 2021-2022 में सीपीआई 5.7 फीसदी रह सकती है। पिछली बैठक में 5.1 फीसदी का अनुमान लगाया गया था।

दूसरी तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी रह सकती है, तीसरी तिमाही में 5.3 और चौथी तिमाही में यह 5.8 फीसदी हो सकती है।