अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने दिखाए तेवर, कहा- तालिबान के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने ऐलान किया है कि वे तालिबान के खिलाफ आखिरी सांस तक जंग लड़ेंगे। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अशरफ गनी तालिबान की मांग के आगे झुकते हुए इस्तीफा दे सकते हैं। जिसके बाद उन्होंने आज कहा कि हमने तालिबान के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का फैसला किया है।
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अशरफ गनी तालिबान की मांग के आगे झुकते हुए इस्तीफा दे सकते हैं। जिसके बाद उन्होंने आज कहा कि हमने तालिबान के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का फैसला किया है।
तालिबान की कई मांगों में से एक मांग राष्ट्रपति अशरफ गनी को पद से हटाए जाने की भी रही है। तालिबान पहले ही कह चुका है कि अफगानिस्तान में शांति तभी आएगी, जब राष्ट्रपति गनी पद छोडेंगे। तालिबान 34 में से 18 राजधानियों पर कब्जा कर चुका है यानि आधे से ज्यादा अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है। तालिबान ने काबुल के एक बड़े हिस्से बडगीस प्रोविंस के किला नवा पर कब्जा कर लिया है और यहां पुलिस और सेना के हथियारों को कब्ज़े में कर लिया है।
अफगानिस्तान के 15 प्रोविंस पर तालिबानी कब्जा है। नया कंधार उनके कब्जे में आया। तालिबानी दहशत से लोग अपना अपना सामान समेट पर भागने लगे। जरांज, शेबरगान, सर-ए-पुल, कुंदुज, तालोकान, ऐबक, फराह, पुल ए खुमारी, बदख्शां, गजनी, हेरात, कंधार, लश्कर गाह.. इतने शहरों पर तालिबानी झंडा लहरा रहा हैं। कंधार के इस्लामिक अमीरात में तालिबानियो ने नई सड़कों और बिल्डिंगो को तोड़ डाला है।
तालिबान ने कंधार यूनिवर्सिटी को लूट लिया है। ट्रैफिक पुलिस के लोग तालिबान के आगे घुटने टेक चुके हैं। कंधार पर कब्जा करते ही वहां की जेलों में बंद कैदियों को तालिबान ने आजाद कर दिया है। कंधार की जेल में तालिबान ने अफगानी जवानों को युद्ध बंदी बनाया। सबको घंटों बिठाया गया, फिर उनकी तलाशी के बाद सबको छोड़ा गया। सारे हथियार तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिए है।
अशरफ गनी ने तालिबान को सत्ता में भागीदार बनाने का खुला प्रस्ताव दिया है। अफगानिस्तान का दावा है कि बचे हुए इलाके में वो अब भी मजबूती से युद्ध कर रहा है।