हिंसा की CBI जांच को राजी नहीं ममता सरकार, सुप्रीम कोर्ट जाने के दिए संकेत
विधानसभा चुनाव बाद हुई कथित हिंसा की निष्पक्ष जांच की जनहित याचिकाओं पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को फैसला सुनाया है।उच्च न्यायालय ने चुनाव बाद हिंसा के दौरान हुए हत्या, बलात्कार के मामलों की सीबीआई जांच के आदेश दिए है।
अदालत के इस फैसले पर एक ओर जहां बीजेपी ने खुशी ज़ाहिर की है तो वहीं टीएमसी इस फैसले से नाखुश है। टीएमसी ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर के मामलों में सीबीआई का दखल, गलत है।
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ANI न्यूज़ एजेंसी को दिए बयान में कहा कि क़ानून-व्यवस्था राज्य का अधिकार है, अगर उसमें CBI आ जाएगी तो राज्य का अधिकार घट जाएगा। हम इसके ख़िलाफ हैं। मुझे लगता है कि राज्य सरकार इस पर सोच-विचार करेगी और इसके ख़िलाफ अपील भी करेगी।
बीजेपी ने किया फैसले का स्वागत
तो वहीं अदालत के फैसले का बीजेपी ने स्वागत किया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ANI न्यूज़ एजेंसी को दिए बयान में कहा कि वहां(पश्चिम बंगाल) सरकार को दायित्व मिला है जनता की सेवा करने का, ना की हिंसा फैलाने का। हिंसा नहीं होनी चाहिए। जहां से स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आए, उस राज्य को हिंसा के लिए जाना जाए तो इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा।
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि केवल हत्या और बलात्कार के आरोपों की सीबीआई जांच होगी, वहीं अन्य सभी मामलों की जांच एसआईटी करेगी। अदालत ने कहा कि पश्चिम बंगाल के आईपीएस अधिकारियों की अगुवाई में एसआईटी गठित होगी और यह कोर्ट की निगरानी में जांच करेगी। अदालत ने केंद्रीय एजेंसी को छह सप्ताह के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने के लिया भी कहा है।