काबुल एयरपोर्ट पर हुआ हमला, जानें- कैसे पल-पल बदलती रही हमले के बाद की तस्वीर
काबुल एयरपोर्ट पर लगातार दो हमले हुए है। ये दोनों हमले एक साथ अलग-अलग जगहों पर हुए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इन हमलों में 72 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है जबकि डेढ़ सौ के करीब लोग घायल हुए हैं। घायल लोगो में अमेरिकी सेना के जवान और बच्चे भी शामिल हैं। हमलों के बाद, व्हाइट हाउस में हुई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से इस बारे में सवाल पूछा गया तो वो खामोश हो गए।
काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले में से एक बम धमाका एयरपोर्ट के एबे गेट पर और दूसरा धमाका एयरपोर्ट के बाहर बैरन होटल के पास हुआ। गुरूवार को पहला धमाका शाम 6 बजे हुआ था जबकि इसके कुछ मिनट बाद ही दूसरा धमाका हुआ।
इन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट के खोरासन (आईएसआईएस-के) गुट ने ली है। इसकी जानकारी उसने टेलीग्राफ करके दी है। अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया ने भी इसको लेकर पहले भी अलर्ट जारी किया था।
बता दें, अमेरिका ने कुछ दिन पहले अपने नागरिकों को अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि वो काबुल एयरपोर्ट के बाहर मौजूद न रहे। इसके पीछे अमेरिका ने आईएस के हमले की आशंका जताई थी। गुरुवार को भी अमेरिका ने अलर्ट जारी कर अपने नागरिकों से तुरंत किसी भी सुरक्षित जगह पर जाने के लिए निर्देश दिए थे। ब्रिटेन ने भी ऐसा ही किया था।
काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद, फ्रांस ने शुक्रवार यानि आज अपने विमानों को नहीं उड़ाने का फैसला लिया है। डेनमार्क की आखिरी उड़ान काबुल से रवाना हो चुकी है। नीदरलैंड्स ने भी कहा है कि फिलहाल विमानों की आवाजाही में काफी खतरा है।
अफगानिस्तान के मामले पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दैनिक जागरण को बताया है कि वहां अस्थिरता का माहौल है। भारत को इस स्थिति में हालात सुधरने का इंतजार करना चाहिए। वह अपने नागरिकों की वहां से सुरक्षित वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस बारे में भारत हालात देखकर फैसला करेगा। इसके लिए भारत दूसरे मित्र राष्ट्रों के साथ संपर्क में है। भारत ने अपने बयान में हमले की निंदा की है और इन हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। भारत ने कहा है कि हमले के बाद और जरूरी हो गया है कि आतकंवाद और आतंकियों को सुरक्षित शरण देने वालों के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट हो।