सरकार पूर्वोत्तर को देश का विकास इंजन बनाने के लिए काम कर रही है: सर्बानंद सोनोवाल
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुवाहाटी में विकास के लिए इंजन के रूप में जलमार्ग पर आयोजित एक हितधारक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर को देश का विकास इंजन बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और यह क्षेत्र विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्ष 2014 से ही भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने के साथ – साथ देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं।
सोनोवाल ने कहा कि इस क्षेत्र में जलमार्ग संपर्क पर काफी ध्यान दिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अब हम मोंगला और चटगांव बंदरगाह आसानी से आ – जा सकते हैं।
उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के हितधारकों से इस सम्मेलन और सभी प्राथमिकताओं का लाभ उठाने का आग्रह किया, जिससे फलस्वरूप इस क्षेत्र के उत्पादों को विदेशों में निर्यात किया जा सकता है।
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि उनका मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए जल संसाधनों और जलमार्गों के विकास तथा इनके उपयोग के लिए कई पहल कर रहा है।
इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह सम्मेलन इन विचारों को समझने तथा सीखने का मंच है कि आर्थिक विकास के लिए जल संसाधनों का उपयोग कैसे किया जा सकता है और इस तरह की चर्चा के माध्यम से विचारों को साझा करने से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों को अपने उत्पाद के लिए बाजार प्राप्त करने में भी मदद मिल सकती है।
उद्योग एवं वाणिज्य, परिवहन व कौशल विकास मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने श्री सर्बानंद सोनोवाल को राज्य में इस तरह के सम्मेलन के आयोजन और पूर्वोत्तर क्षेत्र में जलमार्ग के विकास के लिए पहल करने पर धन्यवाद दिया।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय भी ब्रह्मपुत्र में नदी पर्यटन तथा वॉटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए पहल कर रहा है, इसके तहत मंत्रालय ने पर्यटक घाटों के विकास के लिए 7 अस्थायी स्थानों (ओरियम घाट, भूपेन हजारिका सेतु, तेजपुर में कोलिया भोमोरा पुल, बोगीबील सेतु, दिखोमुख, कलोंगमुख और उजानबाजार) की पहचान की है। पर्यटकों के लिए घाटों के निर्माण से रिवर क्रूज पर्यटन की सुविधा उपलब्ध होगी, स्थानीय रोजगार सृजित होंगे तथा स्थानीय व्यापार में भी वृद्धि होगी। ये घाट जोगीघोपा, पांडु, नियामती और विश्वनाथ घाट पर चार पर्यटक घाटों के अतिरिक्त होंगे, जिन्हें पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
सरकार ने 2016 में 20 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया था। मंत्रालय ने एनडब्ल्यू 2 (ब्रह्मपुत्र) और एनडब्ल्यू 16 (बराक) पर काम शुरू कर दिया है क्योंकि विकास के लिए अन्य जलमार्गों पर भी विचार किया जा रहा है। भारत और बांग्लादेश द्वारा संयुक्त रूप से 305.84 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित इंडो बांग्लादेश प्रोटोकॉल (आईबीपी) मार्ग, गुवाहाटी और जोगीघोपा से कोलकाता तथा हल्दिया बंदरगाहों पर सभी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक वैकल्पिक संपर्कमार्ग प्रदान करने के लिए है।
जमुना नदी पर सिराजगंज-दियाखोवा (175 किमी) और आईबीपी मार्ग पर कुशियारा नदी के आशुगंज-जकीगंज (295 किमी) को असम में ब्रह्मपुत्र नदी तथा बराक नदी (एनडब्ल्यू – 16) से जोड़ने के लिए विकसित किया जा रहा है। एक पूर्वी ग्रिड का भी विकास किया जा रहा है- जिसमें गंगा और सुंदरबन के साथ ब्रह्मपुत्र तथा बराक नदियां होंगी। यह दक्षिण एशिया और पूर्वी दक्षिण एशिया के साथ क्षेत्रीय एकीकरण तथा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करेगी; इनमें म्यांमार सहित आस-पास का क्षेत्र तथा आगे जाकर सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड जैसे संभावित देश शामिल होंगे।