उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही, नौ लोग लापता, कई मकान ध्वस्त, काली नदी का प्रवाह रुका
उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील और नेपाल के गांव में एक साथ बादल फटने से रविवार रात भारी तबाही मची है। धारचूला तहसील से 12 किमी दूर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग से लगे जुम्मा गांव का संपर्क टूट गया है।
सूत्रों के अनुसार, गांव के नौ लोग लापता बताए जा रहे हैं। कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रात में ही गांव से भागकर कुछ ग्रामीणों ने सुरक्षित जगह पर पनाह ली। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस दल मौके को रवाना हो चुका है। हाइवे सहित सभी पैदल मार्ग बंद होने से गांव तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। शनिवार की रात को मुनस्यारी में 46 एमएम, डीडीहाट में 28 एमएम, धारचूला में 27 और बेरीनाग में 13 एमएम बारिश हुई। गंगोलीहाट में पांच एमएम और पिथौरागढ़ तहसील सूखी रही।
नेपाल के सिरबगड़ में बादल फटने से आए मलबे से काली नदी का बहाव रुक गया है। कॉलोनी में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने दहशत के साए में तीन मंजिला भवन की छत पर रात गुजारी। धारचूला में अंतरराष्ट्रीय झूला पुल तक पानी पहुंच गया। रात को एसडीएम और पुलिस ने नदी किनारे स्थित मकानों में रहने वाले लोगों को सावधान किया। जुम्मा के खातपोली में दो महिलाएं औऱ जामुनी तोक में 6 से 7 लोग तक लापता बताए जा रहे हैं।
सीमांत में बादल फटने से काली नदी, कूलागाड़ और एलागाड़ ने भयानक रूप ले लिया है। जुम्मा गांव के चामी तोक में कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बादल फटने से आई आपदा से खोज एवं बचाव कार्य के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमे आवश्यक दिशा निर्देश देकर अधिकारियों को क्षेत्र में भेज दिया गया है। उधर मुनस्यारी के मालूपाती गांव में फिर भूस्खलन हुआ है। दो परिवारों को शिफ्ट कर दिया गया हैं। आठ परिवार खतरे में आ गए हैं। बंगापानी तहसील के खरतोली गाव में भूस्खलन से छह परिवार खतरे में हैं।
मुनस्यारी तहसील में चार दिन की बारिश के बाद मौसम शांत हुआ है। शनिवार की रात को भी सीमांत में भारी बारिश हुई। मुनस्यारी के मगर गांव में खतरे में आए तीन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। काली, गोरी, धौली, रामगंगा, सेरा, मंदाकिनी सहित सभी नदी नालों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। काली नदी धारचूला में अभी भी चेतावनी लेवल के करीब बह रही है।