हुर्रियत के नेता सैयद अली शाह गिलानी का 92 साल की उम्र में निधन
अलगाववादी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का 92 साल की उम्र में श्रीनगर में बुधवार रात को निधन हो गया। उनके निधन पर कई नेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर शोक जताया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि गिलानी साहब के निधन की खबर से दुखी हूं। हम ज्यादातर बातों पर सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन मैं उनकी दृढ़ता और उनके विश्वासों के साथ खड़े होने के लिए उनका सम्मान करती हूं। अल्लाह तआला उन्हें जन्नत अता करे और उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
वहीं, कश्मीर घाटी में सैयद अली शाह गिलानी के निधन के चलते इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
सैयद शाह अली गिलानी का जन्म 29 सितंबर 1929 में बारामूला जिले में हुआ था। गिलानी पहले जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के सदस्य थे, लेकिन बाद में इन्होंने तहरीक-ए-हुर्रियत नाम से अपनी पार्टी का गठन किया। गिलानी सोपोर निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे हैं।
गिलानी को पाकिस्तान अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज चुका है। हुर्रियत नेता को यह सम्मान राष्ट्रपति आरिफ रिजवी ने दिया था। हालांकि, गिलानी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे थे। उनके स्थान पर हुर्रियत नेताओं ने सम्मान लिया था। अलगाववादी नेता गिलानी अपने भारत विरोधी बयानों के लिए मशहूर रहे थे।