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7 सितंबर को शिक्षक पर्व के पहले सम्मेलन को संबोधित करेंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए मनाए जा रहे शिक्षा पर्व के दौरान सात सितंबर को शिक्षकों, छात्रों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को संबोधित करेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

प्रधानमंत्री इस मौके पर पांच पहलों की भी शुरुआत करेंगे, जिनमें 10,000 शब्दों का भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश, टॉकिंग बुक्स (नेत्रहीनों के लिए ऑडियो बुक), सीबीएसई का स्कूल गुणवत्ता आकलन एवं मान्यता ढांचा (एसक्यूएएएफ), निपुण भारत के लिए शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्कूलों विकास के लिए शिक्षा स्वयंसेवियों, दाताओं और ‘सीएसआर दानकर्ताओं की सुविधा के लिए विद्यांजलि पोर्टल शामिल है।

शिक्षा मंत्रालय शिक्षकों के अमूल्य योगदान को मान्यता देने और नई शिक्षा नीति 2020 को आगे बढ़ाने के लिए पांच से 17 सितंबर के बीच शिक्षक पर्व मना रहा है।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पांच सितंबर को शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार कोविड-19 स्थिति के कारण एक वेबिनार के जरिए प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा, “वर्ष 2021 के लिए, ऑनलाइन स्व-नामांकन प्रक्रिया के बाद जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्तरीय चयन प्रक्रिया का कार्यान्वयन किया गया। पुरस्कार प्राप्त करने वाले 44 शिक्षकों में से हर एक पर वृत्तचित्र फिल्म भी दिखाई जाएगी।”

शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पहली बार 1958 में शुरू किए गए थे ताकि युवाओं के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों की उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता को मान्यता दी जा सके। 1960 के दशक के मध्य से, पूर्व राष्ट्रपति और प्रख्यात शिक्षाविद् सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के कारण इस समारोह के लिए पांच सितंबर की तारीख तय कर दी गई थी।

अधिकारी ने बताया, ” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात सितंबर को सुबह 11 बजे शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों और शिक्षा से जुड़े विभिन्न पक्षों को संबोधित करेंगे। वह स्कूल शिक्षा विभाग की पांच पहलों की भी शुरुआत करेंगे।”

कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, सुभाष सरकार तथा राजकुमार रंजन सिंह भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि उद्घाटन सम्मेलन के बाद 17 सितंबर तक वेबिनार, संगोष्ठियों आदि का आयोजन किया जाएगा जिनमें देश के विभिन्न स्कूलों के शिक्षाविदों को भी अपने अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है।