केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी की दी मंजूरी
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस सीसीईए समिति ने गन्ने के लिए अब तक के सबसे अधिक लाभकारी मूल्य ₹290/क्विंटल को भी मंजूरी दी। इन बढ़े हुए एमएसपी का उद्देश्य फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना है।
विशेष रूप से केंद्र द्वारा प्रायोजित एक अन्य योजना – खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन-तेल पाम (एनएमईओ-ओपी), खाद्य तेलों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात निर्भरता को कम करने में मदद करेगी। ये बदलाव पीएम मोदी के ”प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान” (पीएम-आशा) योजना (2018) के तहत किए गए थे। इस छत्र योजना में तीन उप-योजनाएं मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस) और निजी खरीद और प्रोक्योरमेंट एंड स्टॉकिस्ट स्कीम (पीपीएसएस) शामिल हैं।
रबी के एमएसपी में बढ़ोतरी से किसानों को होगा फायदा
पीएम मोदी सरकार की अध्यक्षता में सीसीईए ने वर्ष 2022-23 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।
रबी फसलों के लिए एमएसपी में बढोत्तरीय केंद्रीय बजट 2018-19 के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के लेवल पर तय करने की घोषणा की गई है। यह योजना किसानों के लिए उचित पारिश्रमिक के उद्देश्य से है और किसानों को उनकी उत्पादन लागत से लाभ की उम्मीद है।
गेहूं, रेपसीड और सरसों (100प्रतिशत) के मामले में ये सबसे अधिक होने का अनुमान है, इसके बाद दाल (79 प्रतिशत) चना (74 प्रतिशत), जौ (60 प्रतिशत)और कुसुम (50 प्रतिशत) का स्थान है।
सीसीईए द्वारा यह बदलाव तिलहन, दलहन और मोटे अनाज के पक्ष में एमएसपी को फिर से संगठित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में किए गए केंद्रित प्रयासों के बाद आया है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना और मांग-आपूर्ति संतुलन को और बेहतर बनाने के लिए सर्वोत्तम तकनीकों और कृषि पद्धतियों को अपनाना है।