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केवल ‘शून्य उत्सर्जन’ के लक्ष्य तक पहुंचना पर्याप्त नहीं है; जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सरल शब्दों की नहीं, बल्कि इस दिशा में काम करने की जरूरत है: भूपेंद्र यादव

जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी से मुलाकात की। भारत-अमेरिका जलवायु स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 के तहत क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग (सीएएफएमडी) के शुभारंभ पर बोलते हुए यादव ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

सीएएफएमडी भारत-यूएस के दो मुख्य ट्रैकों में से एक है। जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी जिसकी घोषणा राष्ट्रपति बिडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल 2021 में शिखर सम्मेलन में की थी।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है और भारत इससे निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। यादव ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी से जलवायु कार्रवाई को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि मेरा मानना है कि यह वार्ता न केवल जलवायु और पर्यावरण पर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करेगी बल्कि यह प्रदर्शित करने में भी मदद करेगी कि कैसे राष्ट्रीय परिस्थितियों और सतत विकास प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, दुनिया समावेशी और आर्थिक विकास के साथ तेजी से जलवायु कार्रवाई के लिए साथ में जुड़ सकता है।

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान करते हुए अमेरिका के विशेष राष्ट्रपति दूत जॉन केरी ने कहा कि अधिक विनाशकारी परिणामों से बचने के लिए अभी कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बाढ़, जंगल की आग, हर जगह रिकॉर्ड स्तर की बारिश हो रही है और अधिक विनाशकारी परिणामों से बचने के लिए, हमें अभी कार्य करना चाहिए।

स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को भारत और अमेरिका के लिए एक बड़ा अवसर बताते हुए केरी ने कहा कि जलवायु संकट से निपटने के लिए भविष्य की तुलना में अभी बहुत कम खर्चीला है।