NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
चीन और पाकिस्तान के बीच हुआ नया परमाणु समझौता,दुनिया के लिए बेहद खतरनाक, जानिए खास बातें

पाकिस्तान और चीन के बीच नए परमाणु समझौते को लेकर दुनिया भर में आशंका जताई जा रही है कि यह पूरी दुनिया को परमाणु संघर्ष की ओर धकेल देगा। सेंटर ऑफ़ पॉलिटिकल एंड फॉरेन अफेयर्स थिंक टैंक ग्रुप के प्रमुख फैबियन बॉसार्ट ने इसे एक खतरनाक परमाणु समझौता बताया है।

8 सितंबर को पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमीशन और चीन झोंगयुआन इंजीनियरिंग के सहयोग से परमाणु ऊर्जा के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। सूत्रों के मुताबिक़ यह समझौता अगले 10 सालों तक के लिए मान्य होगा। समझौते में न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर, यूरेनियम खनन और प्रसंस्करण, न्यूक्लियर फ्यूल की आपूर्ति और रिसर्च रिएक्टर्स की स्थापना की बात कही गई है, जिससे पाकिस्तान को अपने परमाणु हथियारों के भंडार को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

चीन के लिए एक उन्नत न्यूक्लियर, भारत और पाकिस्तान की सैन्य ताकत का मुकाबला करने के लिए काफी है। पाकिस्तान में चार नए प्लांट तैयार हैं। दो प्लांट कराची में और दो प्लांट मुजफ्फरगढ़ में हैं। इन चारों प्लांट में चीन की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही चीन, पाकिस्तान के सभी न्यूक्लियर पॉवर प्लांट्स को चलाने और रखरखाव में सहायता करेगा।आशंका जताई जा रही है कि भविष्य में चीन और पाकिस्तान के बीच कई और न्यूक्लियर समझौते हो सकते हैं।

जानिए समझौते की पांच प्रमुख बातें ;-

#1 यूरेनियम की खोज और खनन कर्मियों का प्रशिक्षण।

#2 लाइफटाइम न्यूक्लियर फ्यूल की सप्लाई और शुरुआती फ्यूल भरने वाले असेंबली और संबंधित कोर चीजों की सप्लाई।

#3 छोटे न्यूट्रॉन सोर्स रिएक्टर की स्थापना।

#4 रेडियोएक्टिव मैनेजमेंट पर काम करना। इसमें रेडियोएक्टिव वेस्ट ट्रांसपोर्ट, डिस्पोजल और रेडिएशन सुरक्षा उपाय आदि शामिल हैं।

#5 न्यूक्लियर मेडिसिन, विकिरण प्रोसेसिंग, रेडियोफार्मास्युटिकल्स, रेडियोएक्टिव सोर्सेज की सप्लाई सहित ​न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन के क्षेत्र में काम होंगे।