जल जीवन मिशन के तहत दिये गए 5 करोड़ नल कनेक्शन: जल शक्ति मंत्रालय
अगस्त, 2019 में जल जीवन मिशन की घोषणा के बाद से अब तक केवल 25 महीनों में 5 करोड़ से अधिक परिवारों को उनके घरों में नल के पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। कोविड -19 वैश्विक महामारी और इसके बाद के लॉकडाउन तथा चुनौतियों के बावजूद राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों ने ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास किया है।
घरों में नल के पानी की सुनिश्चित आपूर्ति से लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और युवा लड़कियों को दूर से पानी लाने और भारी वजन ढोने आदि से राहत मिलती है, जिससे उनकी लम्बे समय से चली आ रही अनावश्यक मेहनत कम हो जाती है। इस प्रकार समय में हुई इस बचत का उपयोग आय सृजन की गतिविधियों, नए कौशल सीखने, बच्चों की शिक्षा में सहायता करने आदि के लिए किया जा रहा है।
जल जीवन मिशन की घोषणा प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को 2024 तक हर घर में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन ( फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन –एफएचटीसी ) प्रदान करने के लिए की थी। वर्ष 2019 में ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 18.93 करोड़ घरों में से केवल 3.23 करोड़ के पास (17%) ) ही नल के पानी के कनेक्शन थे।
इस प्रकार 2024 तक शेष 15.70 करोड़ घरों में नल का पानी उपलब्ध कराया जाना है। इसके अलावा, सभी मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों और नल कनेक्शनों की कार्यक्षमता भी सुनिश्चित की जानी है।
यह कार्यक्रम सीधे तौर पर 19 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को लाभान्वित करता है तथा ग्रामीण-शहरी विभाजन को पाटने के साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। अब तक लगभग 8.26 करोड़ (43%) ग्रामीण परिवारों के घरों में नल के पानी की आपूर्ति हो गई है।
जल जीवन मिशन का आदर्श वाक्य है – ‘कोई भी छूटे नहीं’I इस समय 78 जिलों के प्रत्येक ग्रामीण परिवार और 1.16 लाख गांवों को नल का पानी मिल रहा है। बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान देने के साथ ही पिछले वर्ष गांधी जयंती पर सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और आश्रमशालाओं (आदिवासी आवासीय विद्यालयों) को पीने, मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालय में उपयोग आदि के लिए नल के पानी के कनेक्शन प्रदान करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया था। अब तक 7.72 लाख (76%) स्कूलों और 7.48 लाख (67.5%) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल से पानी की आपूर्ति की गई है।
ऊर्ध्व-गामी (बॉटम-अप) दृष्टिकोण के साथ ही, जल जीवन मिशन (जेजेएम) को एक विकेन्द्रीकृत, मांग-संचालित और समुदाय-प्रबंधित कार्यक्रम के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है जिसमें ग्राम पंचायतें और/या इसकी उप-समितियां, अर्थात ग्राम जल और स्वच्छता समितियां (वीडब्ल्यूएससी) / पानी समितियां अपने-अपने गांव में जलापूर्ति प्रणालियों की योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में, महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, ताकि नियमित और दीर्घकालिक आधार पर हर घर में स्वच्छ नल का पानी उपलब्ध हो सके।
पानी समितियां / वीडब्ल्यूएससी संविधान के 73वें संशोधन के प्रावधानों में परिकल्पित कानूनी इकाई के रूप में कार्य करती हैं। इसमें कम से कम 50% महिला सदस्यों के साथ 10-15 सदस्य होते हैं और कमजोर वर्गों से आनुपातिक प्रतिनिधित्व होता है। वीडब्ल्यूएससी ने एकमुश्त ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार की, जिसे ग्राम स्तर पर विभिन्न संसाधनों को जोड़कर 15वें वित्त आयोग की अवधि के अनुरूप तैयार किया गया और जिसका अनुमोदन ग्राम सभा द्वारा किया जाना है।
वीएपी में पीने के पानी के स्रोत में वृद्धि, पेयजल आपूर्ति प्रणाली, अपशिष्ट जल को उपचारित (ग्रे वाटर ट्रीटमेंट) करके और उसके पुन: उपयोग तथा गांव में पानी की आपूर्ति प्रणाली के नियमित संचालन और रखरखाव के 4 प्रमुख घटक शामिल हैं।
इसके अलावा, प्रत्येक गांव में 30-40 सदस्यों के एक संवर्ग को प्रशिक्षित और कुशल बनाया जा रहा है ताकि वे अपने गांव में जलापूर्ति प्रणालियों के प्रबंधन के लिए अपनी क्षमता का निर्माण कर सकें। हर गांव से 5 महिलाओं अर्थात आशा, आंगनवाड़ी शिक्षक, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की मुखिया आदि को फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करके पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
5-10 सदस्यों को प्लंबर, राजमिस्त्री, मोटर मैकेनिक, फिटर आदि के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है ताकि हर गांव में किसी भी आवश्यकता को पूरा करने के लिए कुशल संसाधन उपलब्ध हो और इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ें। ग्राम पंचायत (जीपी) /वीडब्ल्यूएससी सदस्यों को सेवा प्रदाताओं के रूप में कार्य करने, स्थानीय सार्वजनिक जल उपयोगिताओं के रूप में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस प्रकार गांवों में मौन क्रांति हो रही है।
महात्मा गांधी के ‘ग्राम स्वराज’ की परिकल्पना का सम्मान करते हुए इस वर्ष गांधी जयंती पर अर्थात कल 02 अक्टूबर, 2021 को देश भर में एक विशेष ग्राम सभा या आयोजन किया जा रहा है, ताकि उनके गांवों में पीने के पानी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा और ‘वॉश प्रभुत्व गांव’ प्राप्त करने के लिए उठाए जाने वाले कदम पर विचार-विमर्श किया जा सके। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करीब 3.3 लाख ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों / पानी समितियों को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक संबोधित करने के साथ ही उनके साथ संवाद भी करेंगेI प्रधान मंत्री के साथ इस बातचीत से उन समुदायों और स्थानीय नेताओं की ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा जिन्होंने वैश्विक महामारी और लॉकडाउन के दौरान भी काम करते हुए हर घर में नल का पानी पहुँचाने को सुनिश्चित किया ।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक अंश के रूप में और प्रत्येक गांव को एक वॉश ( जल, स्वच्छता और स्वच्छता) प्रबुद्ध गांव बनाने के लिए एक उत्तरदायी और जिम्मेदार नेतृत्व विकसित करने में मदद करने के लिए, इस संवाद का लक्ष्य ग्राम स्वराज की परिकल्पना को वास्तविकता में बदलने के लिए एक लंबा सफर तय करना है।