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पूर्वोत्तर राज्यों में देश के विकास का इंजन बनने की क्षमता है: उपराष्ट्रपति नायडू

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पूर्वोत्तर राज्यों की पर्यटन क्षमता का पूरा उपयोग करने, माल ढुलाई की सुविधा, सेवा वितरण में सुधार और क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान करने के लिए क्षेत्र में एक अच्छे सड़क नेटवर्क के महत्व पर जोर दिया है।

इस संबंध में उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों से सभी विकास कार्यों में तेजी लाने और विभिन्न परियोजनाओं के लिए केंद्र द्वारा प्रदान की गई धनराशि का पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से उपयोग करने की अपील की। नायडू ने जोर देकर कहा, “अगर हम पूर्वोत्तर राज्यों में बिना देरी या डायवर्जन के यहां सभी परियोजनाओं में तेजी ला सकते हैं तो इनमें देश के विकास का इंजन बनने की क्षमता है।” उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर के विकास के बिना देश का विकास अधूरा है।”

पूर्वोत्तर में उग्रवाद कम होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए नायडु ने कहा, “शांति प्रगति के लिए पूर्व अपेक्षित है”। उन्होंने क्षेत्र में तेजी से प्रगति के लिए शांतिपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करने का सुझाव दिया।

उपराष्ट्रपति शिलांग में राष्ट्रीय राजमार्ग 40 के शिलांग-डावकी खंड के सुधार/चौड़ीकरण परियोजना के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे। पूर्वोत्तर के दौरे पर गए नायडू आज मेघालय पहुंचे।

यह देखते हुए कि पूर्वोत्तर में पहाड़ी इलाके और बरसात के महीने अक्सर वहां सड़क निर्माण गतिविधियों में बाधा डालते हैं, नायडू ने पहाड़ी स्थलाकृति के लिए सड़कों के डिजाइन और निर्माण में नवाचार का आह्वान किया। उन्होंने सुझाव दिया कि देश भर के तकनीकी संस्थानों को इसे एक अवसर के रूप में लेना चाहिए और निर्माण अवधि को कम करके बेहतर डिजाइन के साथ सड़कों की योजना बनाएं।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में सड़क संपर्क की जटिलताओं के बारे में चर्चा करते हुए, श्री नायडू ने हवाई यात्रा के माध्यम से कनेक्टिविटी में सुधार के महत्व पर भी प्रकाश डाला। क्षेत्रीय संपर्क योजना से जुड़े क्षेत्र के लिए हवाई संपर्क में महत्‍वपूर्ण सुधार को देखते हुए, उन्होंने देश के बाकी हिस्सों के साथ और पूर्वोत्तर के लिए और अधिक सीधी उड़ानों का आह्वान किया।

नायडु ने राज्य में पर्यटन उद्योग के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-40 के सुधार/चौड़ीकरण के महत्व पर भी जोर दिया। मेघालय को विशाल पर्यटन क्षमता वाला एक सुंदर राज्य बताते हुए, श्री नायडू ने पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों से और अधिक ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने आगाह किया कि पर्यटन को बढ़ावा देते समय यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्राचीन पारिस्थितिकी तंत्र किसी भी तरह से बाधित न हो।

मेघालय जैसे राज्यों के लिए कृषि-उद्यमिता के महत्व के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्य में बागवानी के तहत एक बड़ा क्षेत्र है और नवोदित उद्यमियों के लिए आपूर्ति श्रृंखला में मूल्य संवर्धन के लिए अपार अवसर हैं। इस संबंध में, उन्होंने युवाओं में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और उन्हें कौशल-आधारित शिक्षा से लैस करने के लिए प्राइम हब पहल शुरू करने में मेघालय सरकार के प्रयासों की सराहना की।

उपराष्ट्रपति नायडू ने लाकाडोंग हल्दी और अदरक पाउडर जैसे राज्य के प्रचलित उत्पादों का उदाहरण देते हुए कहा कि दुनिया के लिए हमारी स्वदेशी बागवानी किस्मों का विपणन और प्रदर्शन करने का एक बड़ा अवसर है। उन्होंने युवाओं से कृषि-उद्यमियों के रूप में नवाचार, उत्पादकता और पैकेजिंग में सुधार करने का आह्वाहन किया और छोटे किसानों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उनके उत्पादों को बाजार में सही कीमत मिले।

उपराष्ट्रपति ने इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सुश्री रेबेका वैनेसा सुचियांग को मेघालय की पहली महिला मुख्य सचिव बनने के लिए बधाई दी जो मूल रूप से मेघालय की महिला हैं। उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धि मेघालय के युवाओं के लिए सरकारी सेवा को करियर विकल्प के रूप में लेने के लिए एक प्रेरणा होगी।