NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2021-22 के लिए पीएंडके उर्वरकों के लिए सब्सिडी को मंजूरी दी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर 28,655 करोड़ रुपये की शुद्ध सब्सिडी की घोषणा की ताकि रबी की बुवाई के सीजन में किसानों को ये पोषक तत्व सस्ती कीमत पर मिल सकें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2022 की अवधि के लिए पीएंडके उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दे दी है। रबी (सर्दियों की बुवाई) का मौसम अक्टूबर में शुरू होता है।

एक सरकारी बयान के अनुसार एनबीएस के तहत एन (नाइट्रोजन) की प्रति किलो सब्सिडी दर 18.789 रुपये, पी (फास्फोरस) के लिए 45.323 रुपये, के (पोटाश) के लिए 10.116 रुपये और एस (सल्फर) के लिए 2.374 रुपये तय की गई है।

सरकार ने कहा कि ‘‘रोलओवर की कुल राशि 28,602 करोड़ रुपये होगी।’’ इसके तहत 5,716 करोड़ रुपये की संभावित अतिरिक्त लागत के लिए डीएपी पर अतिरिक्त सब्सिडी को विशेष एकमुश्त पैकेज भी प्रदान किया है।

बयान में कहा गया है कि कुल सब्सिडी की जरूरत 35,115 करोड़ रुपये होगी।

सीसीईए ने एनबीएस योजना के तहत गन्ने के शीरे (0:0:14.5:0) से प्राप्त पोटाश को शामिल करने को भी मंजूरी दी।

बयान के अनुसार, ‘‘बचत में कटौती के बाद रबी 2021-22 के लिए आवश्यक शुद्ध सब्सिडी 28,655 करोड़ रुपये होगी।’’ जून में भी, सीसीईए ने डीएपी और कुछ अन्य गैर-यूरिया उर्वरकों के लिए सब्सिडी में 14,775 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की थी।

सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट में उर्वरक सब्सिडी के लिए लगभग 79,600 करोड़ रुपये आवंटित किए थे और अतिरिक्त सब्सिडी के प्रावधानों के बाद यह आंकड़े बढ़ सकते हैं।

लाभों की जानकारी देते हुए, सरकार ने मंगलवार को कहा कि अतिरिक्त सब्सिडी से रबी सत्र 2021-22 के दौरान किसानों को सभी पीएंडके उर्वरकों को रियायती / सस्ती कीमतों पर आसानी से उपलब्ध कराया जा सकेगा।

यूरिया के मामले में केंद्र ने अधिकतम खुदरा मूल्य तय किया है और सब्सिडी के रूप में एमआरपी और उत्पादन लागत के बीच के अंतर की प्रतिपूर्ति की है।