पाकिस्तान ने फर्जी दस्तावेज देने के जुर्म में चीनी कंपनी को किया बैन, दोस्ती में आ सकती है दरार
पाकिस्तान में नेशनल ट्रांसमिशन एंड डिस्पैच कंपनी (NTDC) ने चीन के एक कंपनी को टेंडर पाने के लिए फर्जी कागज़ात देने के आरोप में बैन कर दिया है। अब यह कंपनी कभी भी किसी टेंडर या नीलामी प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकती। दूसरी तरफ, बिजली से संबंधित इस नए मामले के सामने आने के कारण चीन में बिजली संकट और गहराने की संभावना हैं। इसके अलावा दोनों देशों के रिश्तों में भी दरार पैदा हो सकता है।
जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल
‘डॉन न्यूज’ ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि चीन की इस कंपनी ने NTDC का टेंडर पाने के लिए नकली दस्तावेज तैयार कराए और अधिकारियों को घुस देकर टेंडर को अपने नाम करने की साजिश रची और यह बात लीक हो गई। जांच में यह पाया गया कि चीन की कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों के दम पर टेंडर पाने की कोशिश की है। इसके बाद इमरान सरकार के अधिकार वाली मिनिस्ट्री ऑफ एनर्जी के पॉवर डिवीजन ने चीन की इस कंपनी को टेंडर की प्रक्रिया से बाहर कर दिया और नए सिरे से बोली लगाने के निर्देश जारी कर दिए।
अब ब्लैकलिस्टेड हुई कंपनी
NTDC के जनरल मैनेजर ने कहा कि चीनी कंपनी को हमने ब्लैकलिस्ट कर दिया है। भविष्य में ये कंपनी NTDC के किसी टेंडर प्रोसेस में भाग नहीं ले सकेगी। फिलहाल, यह बैन एक महीने के लिए लगाया गया है। इस दौरान जांच की कार्रवाई जारी रहेगी और हम इस कंपनी को हमेशा के लिए बैन करने का विचार कर रहे है।
चीन की यह कंपनी पाकिस्तान के चार क्षेत्रों में ट्रांसमिशन के बिडिंग प्रक्रिया में भाग ले रही थी। यह प्रोजेक्ट करोड़ों रुपए की लागत से बनने जा रहा हैं और भविष्य में इस प्रोजेक्ट को पूरे पंजाब प्रांत तक लाना है। इसलिए, यह प्रोजेक्ट का बहुत महत्वपूर्ण है।
दोनों देशों में तनाव बढ़ेगा
पाकिस्तान के इस कदम के बाद से चीन की नाराजगी ज्यादा बढ़ सकती है और चीन पाकिस्तान सरकार के खिलाफ कुछ कड़े कदम उठा सकता है। करीब दो महीने पूर्व सीपैक के तहत बन रहे दासू डैम प्रोजेक्ट में चीन के 9 इंजीनियरों की हत्या कर दी गई थी और इस घटना के बाद चीन ने पाकिस्तान से 48 मिलियन डॉलर का मुआवजा मांगा था। चीन ने कहा था कि भविष्य में वह सिर्फ तब ही इन प्रोजेक्ट्स पर काम करेगा जब पाकिस्तान सरकार लिखित में दे की वो उसके स्टाफ को सुरक्षा देगा।