NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री डीएस रावत और सांसद अनिल बलूनी के साथ देवप्रयाग, रामनगर, रामगढ़, गौलापरंद और रुद्रपुर के बारिश, बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और इस प्राकृतिक आपदा से हुए नुक़सान का जायज़ा लिया। हवाई सर्वेक्षण के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री ने केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक कर ताज़ा स्थिति की समीक्षा की।

अमित शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा समय पर मिली चेतावनी के कारण जानहानि को कम करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा 24 घंटे पूर्व 16 अक्तूबर को ही चेतावनी मिल जाने के बाद उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा एसडीआरएफ़, एनडीआरएफ़, आईटीबीपी, सेना, वायु सेना आदि सभी को अलर्ट भेजने के कारण काफ़ी नुक़सान को रोका जा सका है। सभी मोबाइल उपभोक्ताओं को मोबाइल पर ही समयपूर्व अलर्ट भेज दिया गया ताकि अकारण आवाजाही को रोका जा सके। चार धाम के यात्रियों को भी बारिश शुरू होने से पहले ही वे जहां थे, वहीं रोक दिया गया और इसके कारण ही चार धाम के यात्रियों में से किसी के हताहत होने का कोई समाचार नहीं है और यात्रा शुरू भी कर दी गई है। एनडीआरएफ़, सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ़, स्टेट रिस्पॉंस टीमें, फ़ायर ब्रिगेड बारिश आने से पहले ही अलर्ट होने के कारण मौक़े पर थे। हेलीकॉप्टर भी यहां उपलब्ध थे और उन्हें भी बारिश आने से पहले ही अलर्ट कर दिया गया था।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी सेना और एनडीआऱएफ़ के मोबिलाइज़ेशन के बारे में सबको सूचना दी थी। सेंट्रल वॉटर और इरिगेशन डिपार्टमेंट का कोर्डिनेशन काफी अच्छा रहा इसके कारण जलस्तर को मैनेज करने में आसानी हुई।

उन्होंने कहा कि तीन सड़कों को छोड़कर अधिकतर सड़कों पर यातायात शुरू हो गया है और जहां भी ज़रूरत है वहां राहत पहुंचनी शुरू हो गई है। नैनीताल,हलद्वानी और अल्मोड़ा की सड़कों को भी खोल दिया गया है। एक स्थान पर रेलवे ट्रैक को भारी नुक़सान हुआ है और उसकी मरम्मत का काम भी शुरू हो गया है। बिजली की उपलब्धता 60% से ज्यादा रिस्टोर कर दी गई है, लोगों को शुद्ध पीने का पानी मिलने लगा है और स्वास्थ्य सुविधाएं भी बाधित नहीं हुईं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बचाव अभियान बहुत अच्छे और सफल तरीक़े से चलाया। लगभग 80 प्रतिशत टेलीफ़ोन नेटवर्क को बहाल कर दिया गया है। 3500 से अधिक लोगों को बचाया गया और 16 हज़ार से ज़्यादा लोगों को सावधानी के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और अब तक किसी भी पर्यटक की जान जाने की ख़बर नहीं है। एनडीआरएफ़ की 17 टीमें, एसडीआरएफ़ की 60 टीमें, पीएसी की 15 कंपनियां, फ़ायर ब्रिगेड और पुलिस के पांच हज़ार से ज़्यादा जवान पूरी मुहिम में अब भी जुटे हैं और लोगों की मदद कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा राहत शिविरों में स्वास्थ्य सुविधाएं और खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था की गई है और जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।

शाह ने कहा कि संकट की इस घड़ी में पहले दिन से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने राज्य के मुख्यमंत्री से कई बार बात की है और भारत सरकार ने अपनी पूरी ताक़त इस देवभूमि की मदद में लगाई है।

उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में स्थिति सामान्य होते ही गृह मंत्रालय की सर्वेक्षण टीमें यहां हुए नुक़सान का जायज़ा लेने आएंगी और उसके अनुसार मदद भी की जाएगी। श्री शाह ने कहा चूंकि यहां प्राकृतिक आपदा आती रहती है, इसीलिए केन्द्र द्वारा राज्य को कुछ माह पहले की 250 करोड़ रूपए की राशि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा भेजी जा चुकी है जिससे यहां राहत कार्य शुरू किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के तहत केंद्रीय हिस्से के रूप में 749.60 करोड़ रूपये की सहायता पहले ही जारी कर दिए हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने उत्तराखंड की जनता को विश्वास दिलाया कि संकट की इस घड़ी में भारत सरकार पूरी तरह से आपके साथ खड़ी है और राज्य के मुख्यमंत्री ने बहुत अच्छे तरीक़े से इस आपदा का सामना किया है और बहुत कम जानहानि के साथ हम इससे बाहर आए हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बहुत ही अल्प सूचना पर खोज, बचाव और प्रभावित लोगों को राहत सामग्री प्रदान करने में राज्य प्रशासन की मदद करने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 17 कुशल टीमें, भारतीय वायु सेना के 3 हेलीकॉप्टरों और सेना व अन्य केंद्रीय एजेंसियां तैनात करने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया।