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चौथी बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर कंगना रनोट ने जाहिर की अपनी खुशी,  लिखा ये खास नोट

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। इन दिनों कंगना किसी खास वजह से चर्चा में हैं। दरअसल अभिनेत्री को सोमवार 25 अक्टूबर को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कंगना रनोट को उनकी फिल्म ‘मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी’ और ‘पंगा’ के लिए संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला है। राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के बाद कंगना रनोट ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी खुशी जाहिर की है।

आपको बता दें, कंगना रनोट सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। वह अपने फैंस से जुड़े रहने के लिए खास तस्वीरें और वीडियो भी शेयर करती रहती हैं। कंगना रनोट कई मुद्दों पर भी बेबाकी से अपनी राय देती रहती हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के बाद उन्होंने फिल्म मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी और पंगा की टीम का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने अपने आधिकारिक कू अकाउंट पर राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की है।

इस तस्वीर के साथ कंगना रनोट ने एक खास पोस्ट भी लिखा है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि, आज मैंने अपनी फिल्म मणिकर्णिका – द क्वीन ऑफ झांसी और पंगा के लिए अपना चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। यह इस देश में एक कलाकार को मिलने वाला सर्वोच्च सम्मान है, मैं धन्य, विशेषाधिकार और गहराई से पूर्ण महसूस कर रही हूं … मेरा दिल इन फिल्मों की टीमों के प्रति अभार व्यक्त करता है जिन्होंने इसे संभव बनाया।

सोशल मीडिया पर कंगना रनोट का यह पोस्ट जमकर वायरल हो रहा है। एक्ट्रेस के फैंस और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स उनके पोस्ट को पसंद और शेयर कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर कंगना रनोट को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर बधाई दे रहे हैं। आपको बता दें कि दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया, जिनमें सभी विजेताओं को मेडल और प्रमाण पत्र दिए गए।

वहीं कंगना रनोट अपने माता-पिता के साथ पुरस्कार समारोह में पहुंची थीं। उन्होंने यह पुरस्कार अपने माता-पिता को समर्पित किया। कंगना ने समारोह के बाद अपने माता-पिता के साथ इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीरें पोस्ट की हैं। इन तस्वीरों के साथ कंगना रनोट ने खास नोट भी लिखा है। उन्होंने पोस्ट में लिखा, हम लोग अपने अंदर यह ख्वाहिश लेकर बड़े होते हैं कि अपने माता-पिता के प्यार, दुलार और बलिदानों के लायक बनें। मैंने अपने मम्मी-पापा को जो भी परेशानियां दीं, ऐसे दिन उन शैतानियों की एक भरपाई हैं। मेरे माता-पिता बनने के लिए शुक्रिया। मैं इसे किसी दूसरी तरह से नहीं देख सकूंगी।