NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्र ने जारी किया 44000 करोड़, अब तक 1.59 लाख करोड़ बांटे गए हैं

वित्त मंत्रालय ने जीएसटी मुआवजे के बदले बैक-टू-बैक ऋण सुविधा के तहत राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों (विधानसभा वाले) को आज 44,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इससे पहले जारी की गई 1,15,000 करोड़ रुपये (75,000 करोड़ रुपये 15 जुलाई, 2021 को और 40,000 करोड़ रुपये 07 अक्टूबर, 2021 को जारी किए गए थे) की राशि को ध्यान में रखते हुए, चालू वित्त वर्ष में जीएसटी मुआवजे के बदले में बैक-टू-बैक ऋण के रूप में कुल 1,59,000 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। यह राशि वास्‍तविक उपकर संग्रह में से हर 2 महीने में जारी किए जाने वाले सामान्‍य जीएसटी मुआवजे के अतिरिक्‍त है।

जीएसटी परिषद की 43वीं बैठक 28.05.2021 को आयोजित की गई थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया था कि केन्‍द्र सरकार 1.59 लाख करोड़ रुपये उधार लेगी और मुआवजा निधि में अपर्याप्‍त राशि के कारण मुआवजा कम जारी किए जाने से संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों (विधानसभा वाले) को बैक-टू-बैक ऋण के आधार पर जारी करेगी। यह राशि वित्त वर्ष 2020-21 में इसी प्रकार की सुविधा के लिए अपनाए गए सिद्धांतों के अनुसार है, जहां इसी प्रकार की व्‍यवस्‍था के तहत राज्यों को 1.10 लाख करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी।

1.59 लाख करोड़ रुपये की यह राशि 1 लाख करोड़ रुपये (उपकर संग्रह के आधार पर) से अधिक के उस मुआवजे के अतिरिक्त होगी, जिसे इस वित्तीय वर्ष के दौरान राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों (विधानसभा वाले) को जारी किए जाने का अनुमान है। कुल 2.59 लाख करोड़ रुपये की यह राशि वित्त वर्ष 2021-22 में मिलने वाली जीएसटी मुआवजे की राशि से अधिक होने का अनुमान है।

सभी पात्र राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों (विधानसभा वाले) ने बैक-टू-बैक ऋण सुविधा के तहत मुआवजे की कमी के वित्तपोषण की इस व्यवस्था पर सहमति व्यक्त की है। कोविड-19 महामारी की प्रभावी प्रतिक्रिया तथा प्रबंधन और पूंजीगत व्यय की दिशा में कदम उठाने के लिए सभी राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों की उनके प्रयासों में सहायता करने के लिए, वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बैक-टू-बैक ऋण सुविधा के तहत 1,59,000 करोड़ रुपये की सहायता जारी की है।

अभी जारी की गई 44,000 करोड़ रुपये की राशि चालू वित्त वर्ष में 5.69 प्रतिशत के भारित औसत प्रतिफल पर जारी की गई 5 वर्षीय प्रतिभूतियों से भारत सरकार की उधारी से वित्त पोषित है। जारी की गई इस राशि के कारण केन्‍द्र सरकार द्वारा कोई अतिरिक्त बाजार उधारी लेने की परिकल्पना नहीं की गई है।

यह उम्मीद की जाती है कि जारी की गई यह राशि राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को अन्य बातों के साथ-साथ उनके सार्वजनिक व्यय की योजना बनाने, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार लाने और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को शुरू करने में मदद करेगी।