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दक्षिण रेलवे की पहली आईएमएस सर्टिफाइड ट्रेन बनी चेन्नई मैसूर शताब्दी एक्सप्रेस

चेन्नई- मैसूर- चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस दक्षिण रेलवे की पहली एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (आईएमएस) प्रमाणित ट्रेन, भारतीय रेलवे की पहली शताब्दी और दूसरी मेल / एक्सप्रेस ट्रेन बन गई। एकीकृत प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन प्राप्त करने के साथ दक्षिणी रेलवे, चेन्नई-मैसूर-चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस ने गौरवान्वित करने वाली उपलब्धि हासिल की है।

ट्रेन संख्‍या 12007/12008, डॉ. एमजीआर चेन्नई सेंट्रल- मैसूर जंक्शन- डॉ. एमजीआर चेन्नई सेंट्रल शताब्दी एक्सप्रेस दक्षिण रेलवे की पहली ऐसी ट्रेन सेवा है, जिसने आईएसओ 9001:2015, आईएसओ 14001:2015 और आईएसओ 45001:2018 के साथ आईएमएस प्रमाण-पत्र प्राप्त किया है।

ट्रेन का प्रारंभिक रख-रखाव चेन्नई डिवीजन के बेसिन ब्रिज कोचिंग डिपो द्वारा किया जा रहा है। प्रमाणन एजेंसी ने व्यापक लेखा-परीक्षा और रेलवे द्वारा सभी निर्धारित मानदंडों के पालन के विधिवत सत्यापन के बाद यह प्रमाण-पत्र प्रदान किया है।

चेन्नई-मैसूर-चेन्नई के बीच शताब्दी सेवा को कोविड पूर्व समय में ट्रेन संख्या 12007/12008 के रूप में चलाया गया था और वर्तमान में विशेष सेवा के रूप में ट्रेन संख्या 06081/06082 (बुधवार को छोड़कर) के साथ चलाया जा रहा है।


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