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केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने अनिवार्य बीआईएस मानकों का उल्लंघन करने वाले प्रेशर कुकरों की बिक्री पर ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस जारी किया

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ऐसे कृत्रिम और नकली सामानों की बिक्री रोकने का एक देशव्यापी अभियान शुरू किया है, जो केन्द्र सरकार द्वारा प्रकाशित गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का उल्लंघन करते हों।

इस संबंध में सीसीपीए पहले ही अनुचित व्यापार व्यवहार और ऐसे सामानों के विनिर्माण या बिक्री से संबंधित उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन की जांच के लिए देश भर के जिलाधिकारियों को दिशानिर्देश जारी कर चुका है। अभियान के लिए चिह्नित किए गए आवश्यक, दैनिक उपयोग के सामानों में हेलमेट, प्रेशर कुकर और कुकिंग गैस सिलिंडर शामिल हैं।

अभियान को आगे बढ़ाने के लिए, सीसीपीए ने केन्द्र सरकार द्वारा 21 जनवरी, 2020 को जारी घरेलू प्रेशर कुकर (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 का उल्लंघन करते हुए ई-कॉमर्स एंटिटी पर प्रेशर कुकरों की बिक्री के मामलों को स्वतः संज्ञान लिया है। उक्त आदेश के द्वारा, घरेलू प्रेशर कुकर को भारतीय मानक आईएस 2347:2017 के अनुरूप होना और 1 अगस्त 2020 से प्रभावी बीआईएस से लाइसेंस के तहत स्टैंडर्ड चिह्न का होना अनिवार्य है।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(10) के तहत “डिफेक्ट” का मतलब गुणवत्ता, मात्रा, शक्ति, शुद्धता या मानक में कोई दोष, अपूर्णता या कमी है, जिसे किसी भी सामान या उत्पाद के संबंध में किसी भी तरह से या किसी भी अनुबंध, अभिव्यक्ति या सूचना या ट्रेडर द्वारा किए गए दावे या लागू कानून के तहत बनाए रखा जाना आवश्यक है और इस क्रम में उसे “दोषपूर्ण” समझा जाएगा।

इस प्रकार, अनिवार्य मानकों के अनुरूप नहीं होने वाले प्रेशर कुकरों को अधिनियम के अंतर्गत ‘दोषपूर्ण’ माना जाता है।

साथ ही, अधिनियम की धारा 2(47) के तहत वर्णित ‘अनुचित व्यापार व्यवहार’ में किसी भी अनुचित तरीके या इस्तेमाल करने के इरादे या उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल की संभावना वाले से सामान की बिक्री या आपूर्ति को मंजूरी देकर प्रक्रिया को भ्रमित करना, यह जानने या विश्वास करने का कारण होना कि माल प्रदर्शन, संरचना, सामग्री, डिजाइन, निर्माण, परिष्करण या पैकेजिंग से संबंधित सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्धारित मानकों का पालन शामिल है, जो उपयोग करने वाले व्यक्ति को चोट के जोखिम को रोकने या कम करने के लिए आवश्यक हैं।

उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 का नियम 4(2) विशेष रूप से कहता है कि कोई भी ई-कॉमर्स एंटिटी व्यवसाय के दौरान अपने प्लेटफॉर्म पर या किसी अन्य रूप में अनुचित व्यापार व्यवहार नहीं अपनाएगी।

इसके साथ ही, बीआईएस अधिनियम की धारा 17 किसी भी व्यक्ति को ऐसे किसी भी सामान या वस्तु के विनिर्माण, आयात, वितरण, बिक्री, किराये पर लेने, लीज, स्टोर या बिक्री के लिए प्रदर्शन से रोकती है, जिसके लिए केंद्र सरकार द्वारा धारा 16(1) के तहत मानक चिह्न के अनिवार्य उपयोग करने का निर्देश प्रकाशित किया गया है।

इसके अलावा, धारा 29(3) और (4), धारा 17 के उल्लंघन के जुर्माने और इसे संज्ञेय अपराध के रूप में मानने का उल्लेख करता है।

सीसीपीए ने नोटिस जारी होने के 7 दिन के भीतर ई-कॉमर्स इकाइयों से प्रतिक्रिया मांगी है, ऐसा करने में नाकाम रहने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।

सीसीपीए ने मामले का तत्काल संज्ञान लेने और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए डीजी बीआईएस को भी लिखा है।