गांधीजी से पहले भारतीय नोटों पर होती थी इस शख्स की तस्वीर..
गांधीजी से पहले भारतीय नोटों पर होती थी इस शख्स की तस्वीर…दोस्तों वर्तमान में भारतीय नोटों पर गांधीजी की तस्वीर छपी होती है. लेकिन क्या आपको पता है कि हमेशा से ऐसा नहीं था. महात्मा गांधी से पहले भी भारत के नोटों पर किसी और की तस्वीरें हुआ करती थीं. बाद में महात्मा गांधी की तस्वीर को सभी भारतीय नोटों पर प्रकाशित करने का फैसला लिया गया था।
अब सवाल है कि गांधीजी से पहले हमारे देश के नोटों पर किनकी तस्वीर होती थी? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब
गोवा की थी अपनी मुद्रा:
1. आपको बता दें दोस्तों कि 1510 में पुर्तगाली आए थे और उन्होंने गोवा पर कब्जा कर लिया. जिसके बाद उन्होंने रूपिया करेंसी चलाई।
2. गोवा में पुर्तगाल इंडिया के नाम से नोट छपते थे, क्योंकि आजादी के बाद भी वो पुर्तगाल के अधीन था।
3. वहीं इन नोटों को एस्कुडो का नाम दिया गया था. आपको बता दें कि गोवा के इन नोटों पर पुर्तगाल के राजा की तस्वीर हुआ करती थी, जिनका नाम था किंग जॉर्ज द्वितीय.
हैदराबाद के निजाम छापवाते थे अलग नोट:
• दोस्तों हैदराबाद के निजाम अपने खुद के नोटों की छपाई करवाते थे. आपको बता दें कि साल 1917-1918 में उन्हें ऐसा करने का अधिकार प्राप्त हुआ था।
• वे जो नोट छापते थे, उसमें पीछे की तरफ सिक्कों की आकृति छपी होती थी।
RBI ने पहली बार छापी थी इनकी तस्वीर
• आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 1938 में पहली बार 5 रुपये का नोट जारी किया था, जिस पर जॉर्ज VI की फोटो छपी हुई थी.
• जिसके बाद दोस्तों फरवरी 1938 में 10 रुपये का नोट, मार्च 1938 में 100 और 1000 के नोट और जून में दस हजार के नोट जारी किए गए थे. जानकारी के मुताबिक बता दें कि इन नोटों पर सर जेम्स टेलर के हस्ताक्षर होते थे।
जॉर्ज VI (King George VI) कौन थे?
दोस्तों जॉर्ज VI, यूनाइटेड किंगडम के राजा थे. उन्हें जर्मनी के खिलाफ द्वितीय विश्व युद्ध जीतने के लिए ब्रिटिश दृढ़ संकल्प के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
आजादी के बाद कैसा था भारतीय नोट
आजादी के बाद दोस्तों पहली बार जब साल 1949 में भारत ने नोट छापे, तो उस वक्त जॉर्ज VI की तस्वीर हटाकर भारतीय नोटों पर राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ की तस्वीर छापी गई थी।
वहीं अगर बात करें भारतीय रिजर्व बैंक की तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर लोगों का विश्वास आजादी से पहले से कायम है।
• भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी.
• रिजर्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय पहले कोलकाता में स्थपित किया गया था, जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित किया गया।
• केंद्रीय कार्यालय वो कार्यालय है जहां गवर्नर बैठते हैं और जहां नीतियां निर्धारित की जाती हैं।
• हालांकि प्रारंभ में ये निजी स्वमित्व वाला था. लेकिन 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वमित्व हो गया।
• सर जेम्स ब्रैड टेलर का भारतीय रिजर्व बैंक अध्यादेश पारित कराने में बड़ा योगदान रहा था. आपको बता दें कि वो आरबीआई के दूसरे गवर्नर बने थे।
• उन्होंने ही देश में चांदी के सिक्कों का चलन बंद करके करेंसी नोटों का प्रचलन शुरू कराया था. दोस्तों पहली बार इन्हीं के हस्ताक्षर नोट पर छपे थे।
नोट से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य –
• दोस्तों 1923 में 1, 2½, 5, 10, 50, 100, 1000, 10 हजार रुपये के नोट जारी हुए।
• 1940 में 1 रुपये का नोट जारी किया गया. जिसके बाद सुरक्षा धागा जैसे फीचर नोट में जोड़े गए. 1950 तक जॉर्ज VI सीरीज के नोट देश में चलते रहे.
• आपको बता दें कि फ्रांसीसी ने भी भारत में अपनी मुद्रा चलाई थी। इनकी मुद्रा बैंक ऑफ इंडोशीन ने छापी थी। इन्होंने 1, 5 और 50 रुपये के नोट जारी किए।