महिला अधिकारों पर नर्मी दिखा रहा तालिबान, कहा- महिलाओं को शादी के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए
अफ्गानिस्ताना में तालिबान सरकार ने कहा है कि महिलाओं को संपत्ति नहीं माना जाना चाहिए। महिलाओं के अधिकारों को लेकर तालिबान ने एक फरमान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि महिलाएं अपनी शादी के लिए सहमति दे सकती हैं। जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया के तमाम देश अफगानिस्तान में तालिबान शासन के लौटने के बाद से महिलाओं को उचित अधिकार दिए जाने की अपील कर रहे हैं।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने कहा है कि महिला कोई संपत्ति नहीं है बल्कि एक आजाद और महान इंसान है। कोई व्यक्ति दुश्मनी या शांति खत्म करने के लिए उसे किसी को नहीं दे सकता है। तालिबान प्रवक्ता जबीहिल्लाह मुहाजिद ने कहा है कि महिलाओं को शादी के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
जबीहिल्लाह ने आगे बताया है कि विधवाओं का अपने दिवंगत पति की संपत्ति में हिस्सा होना चाहिए। यह भी कहा गया है कि कोर्ट को फैसले लेते समय इन नियमों और धार्मिक मामलों को ध्यान में रखना चाहिए और इन अधिकारों को सूचना मंत्रालयों को बढ़ावा देना चाहिए।
पिछले तालिबान शासन के दौरान अफगानिस्तान में महिलाओं पर भयंकर अत्याचार हुए थे। महिलाओं को बिना एक पुरुष रिश्तेदार और पूरे चेहरे और सिर को ढके बिना घर से निकलने पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया था। तालिबान द्वारा लड़कियों को स्कूल जाने तक पर बैन लगा दिया गया था। मौजूदा समय में तालिबान शासन ने लड़कियों के लिए कुछ प्रदेशों में हाई स्कूल खोलने की इजाजत दी है मगर कई ह्यूमन राइट्स ग्रुप और महिलाएं तालिबान के इस फैसले को संशय की निगाह से देखते हैं।