अफगानिस्तान के किसान नहीं छोड़ेंगे अफीम की खेती, किसानो ने गिनाए कई फायदे
अफगानिस्तान में किसानों का कहना है कि वे अफीम पोस्त की खेती जारी रखेंगे क्योंकि अफगानिस्तान में अफीम की खेती को खत्म करने की दिशा में तालिबान ने कोई स्पष्ट रुख नहीं दिखाया है। किसानों का कहना है कि उनके परिवारों के जिंदा रहने के लिए अफीम की खेती जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि न सिर्फ अफीम उगना फायदेमंद है बल्कि इसकी खेती करना आसान है और इसमें पानी भी कम जरुरत पड़ती है।
वॉइस ऑफ अमेरिका से बातचीत के दौरान वेस्टर्न फराह प्रांत की 52 वर्षीय नूर ने कहा हैं कि उनके पास अफीम की खेती करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है क्योंकि उनका परिवार बिना फसल के भूखा रह जाएगा। नूर का कहना हैं कि उनके परिवार के पास अब ज्यादा से ज्यादा एक महीने का खाना बचा हुआ है। नूर ने आगे कहा कि गेहूं की खेती में फायदा तो कम है ही बल्कि इसकी खेती अफीम से ज्यादा कठिन है।
अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद खबरे थी कि अफीम की कीमतों में बढ़ोतरी आई थीं। बीते महीने यूएन ऑफिस ऑन ड्रग्स ऐंड क्राइम्स (UNODC) की रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक स्थिति बदलने के बाद तत्कालिक तौर पर मई 2021 की तुलना में अफीम की कीमतों में लगभग दोगुनी बढ़ोतरी आई है।
अफगानिस्तान पर तालिबान ने जब कब्जा किया था तो तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा था कि अब अफगानिस्तान में अफीम की खेती पर रोक लगाई जाएगी। मगर, बीते महीने उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान विरोधाभासी बयान दिया। जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगान के लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और उनकी आय का एकमात्रा जरिये को बंद करना सही नहीं होगा।