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राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने ‘पीएम-युवा मेंटरशिप योजना‘ के तहत 75 लेखकों का चयन किया

शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत पीएम-युवा मेंटरशिप योजना के तहत ‘भारत का राष्ट्रीय आंदोलन’ विषय पर आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा की। इस योजना के अनुसार, इस प्रतियोगिता के माध्यम से 30 वर्ष से कम आयु के युवा लेखकों के लिए लाई गई छात्रवृत्ति-सह-मेंटरशिप योजना के लिए 75 लेखकों का चयन किया जाना था।

अखिल भारतीय प्रतियोगिता का आयोजन 1 जून से 31 जुलाई 2021 तक मायगॉव और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया गया था। 22 आधिकारिक भाषाओं और अंग्रेजी में लगभग 16000 प्रविष्टियां पूरे देश से प्राप्त हुई थीं, जिनमें कुछ भारतीय प्रवासी समुदाय से भी शामिल थीं। सभी पुस्तक प्रस्तावों को विशेषज्ञों के कई पैनलों ने पढ़ा और इनकी तीन स्तरों पर जांच की गई।

उल्लेखनीय है कि 31 जनवरी 2021 को अपने मन की बात संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था: “मैं अपने युवा मित्रों से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, उनसे जुड़ी घटनाओं और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने क्षेत्रों की वीरता की कहानियों के बारे में लिखने का आह्वान करता हूं।”

इसके बाद युवा लेखकों के लिए पीएम-युवा मेंटरशिप योजना को शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के साथ शुरू किया था। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास को इस योजना का कार्यान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है।

चयनित 75 लेखकों में से 38 पुरुष और 37 महिलाएं हैं। इनमें दो 15 वर्ष से कम आयु के हैं, जबकि 16 लेखक 15-20 वर्ष के आयु वर्ग के हैं, 32 युवा लेखक 21-25 वर्ष के आयु वर्ग के हैं और 25 लेखक 26-30 वर्ष के आयु वर्ग के हैं।

चयनित लेखकों को छह महीने की मेंटरशिप कार्यक्रम से गुजरना होगा जिसमें उन्हें उनके पुस्तक प्रस्तावों को पूर्ण रूप से पुस्तक में तब्दील करने के लिए प्रख्यात लेखकों और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत की संपादकीय टीम के मार्गदर्शन में अनुसंधान और संपादकीय सहायता प्रदान की जाएगी ताकि आजादी का अमृत महोत्सव पहल के तहत न्यास उनकी पुस्तकों को प्रकाशित कर सकें। उनकी प्रकाशित पुस्तकों का बाद में अन्य भारतीय भाषाओं में भी अनुवाद किया जाएगा।

मेंटरशिप के दौरान, चयनित लेखकों को छह महीने की अवधि के लिए प्रति माह 50,000 की छात्रवृत्ति मिलेगी। इसके अलावा, लेखकों को उनकी पुस्तकों के सफल प्रकाशन पर 10 प्रतिशत की रॉयल्टी भी मिलेगी।