NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2020 की घोषणा; जल संरक्षण के प्रयासों में उत्तर प्रदेश को पहला, राजस्थान को दूसरा स्थान मिला

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2020 की घोषणा की। सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में, उत्तर प्रदेश को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राजस्थान को द्वितीय और तमिलनाडु को तृतीय पुरस्कार मिला है। इस अवसर पर डीडीडब्ल्यूएस की सचिव सुश्री विनी महाजन भी उपस्थित थीं।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जल जीवन का मूल है। भारत में पानी की वर्तमान आवश्यकता प्रति वर्ष लगभग 1,100 बिलियन क्यूबिक मीटर अनुमानित है, जिसके वर्ष 2050 तक 1,447 बिलियन क्यूबिक मीटर तक बढ़ जाने का अनुमान है। एक संसाधन के रूप में पानी भारत के लिए महत्वपूर्ण है, जो दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत में दुनिया की पूरी आबादी का 18% से अधिक लोग रहते हैं, लेकिन इसके पास दुनिया के नवीकरणीय जल संसाधनों का केवल 4% हिस्सा है। जल शक्ति मंत्री ने कहा कि इसी पृष्ठभूमि में सरकार के ‘जल समृद्ध भारत’ के दृष्टिकोण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश भर में राज्यों, जिलों, व्यक्तियों, संगठनों आदि द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों और प्रयासों को मान्यता देने और प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार (एनडब्ल्यूए) की स्थापना की गई है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि सतही जल और भूजल जल चक्र का अभिन्न अंग हैं, देश में जल संसाधन प्रबंधन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिए हितधारकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक एकीकृत राष्ट्रीय जल पुरस्कार स्थापित करना आवश्यक समझा गया। श्री शेखावत ने कहा कि इसके अलावा, यह लोगों में पानी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने और उन्हें जल उपयोग के सर्वोत्तम तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास है।

जल शक्ति मंत्रालय ने 2018 में पहला राष्ट्रीय जल पुरस्कार शुरू किया था। राष्ट्रीय जल पुरस्कारों ने स्टार्ट-अप के साथ-साथ प्रमुख संगठनों को वरिष्ठ नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने और इस बात पर विचार-विमर्श करने का एक अच्छा अवसर प्रदान किया है कि कैसे सर्वोत्तम जल संसाधन प्रबंधन प्रणालियों को अपनाया जाए।

जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को प्रोत्साहित करने और मान्यता देने के लिए, जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग राज्यों, संगठनों, व्यक्तियों आदि को 11 विभिन्न श्रेणियों- सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ जिला, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ मीडिया (प्रिंट एंड इलेक्ट्रॉनिक), सर्वश्रेष्ठ स्कूल, सर्वश्रेष्ठ संस्थान / आरडब्ल्यूए / कैंपस उपयोग के लिए धार्मिक संगठन, सर्वश्रेष्ठ उद्योग, सर्वश्रेष्ठ एनजीओ, सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ, और सीएसआर गतिविधि के लिए सर्वश्रेष्ठ उद्योग में 57 पुरस्कार दे रहा है। इनमें से कुछ श्रेणियों में देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए उप-श्रेणियां हैं।