तिब्बती भिक्षुओं को प्रताड़ित कर रहा है चीन, लगाई कई प्रकार के प्रतिबंध
चीन ने माओ की सांस्कृतिक क्रांति के बाद से ही लगातार बौद्ध धर्म को अपना निशाना बनाया है। बौद्धों का उत्पीड़न चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल में भी जारी है। यह रिपोर्ट एएनआई ने एक ग्लोबल थिंक टैंक के हवाले से दी है।
तिब्बत में जारी दमन से धार्मिक स्वतंत्रता के लिए जगह सिमटता जा रहा है। तिब्बत में चीनी सरकार के धार्मिक स्वतंत्रता दावे के धार्मिक स्वतंत्रता के ठीक उलट हैं। थिंक टैंक ग्लोबल ऑर्डर के मुताबिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने तिब्बत के साथ ही तिब्बत के बाहर भी तिब्बती बौद्ध धर्म को मिटाने के लिए कई तरीके अपनाए हैं। कई स्थानों पर तिब्बती मठों को नष्ट कर दिया गया है और भिक्षुओं पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए गए हैं।
हाल ही में तोड़ी गई 99 फुट लंबी बुद्ध की प्रतिमा
हाल ही में चीनी अधिकारी तिब्बती भिक्षुओं को सिचुआन प्रदेश में गिरफ्तार कर रहे थे और उन्हें इस शक में मार रहे थे कि उन्होंने देश के ड्रैगो में बनी 99 फुट लंबी बुद्ध की मूर्ति को नष्ट करने के बारे में बाहर के लोगों को बताया था।
रेडियो फ्री एशिया ने तिब्बती सूत्रों के हवाले से बताया था कि दिसंबर में गांजू तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में बुद्ध की प्रतिमा को चीनी अधिकारियों ने यह कह कर तोड़ दिया था कि इसकी लंबाई बहुत ज्यादा है।