यूक्रेन मामले पर विदेश मंत्रालय ने रखी अपनी राय, कहा – राजनयिक तरीकों से हो शांतिपूर्ण समाधान
भारत सरकार ने पहली बार रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे तनाव को लेकर आधिकारिक तौर पर अपनी बात रखी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि हम यूक्रेन के हालात पर बारीकी ने नजर बनाए हुए हैं। क्षेत्र के दीर्घकालिक शांति और स्थिरता के लिए लगातार राजनयिक कोशिशों के जरिए स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान हो।
यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स भारत की सबसे बड़ी चिंता
नई दिल्ली के एक बड़ी चिंता यूक्रेन में रह रहे भारतीय हैं। इसमें अधिकतर मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित भारतीय एंबेसी ने कहा है कि किसी भी हालात से निपटने के लिए हम छात्रों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। सरकारी अनुमानों के मुताबिक 2020 में करीब 18 हजार छात्र यूक्रेन में थे। हालांकि कविड लॉकडाउन और कई जगहों पर ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से छात्रों की संख्या में कमी संभव है।
जब क्रीमिया पर रूस ने कब्जा किया था तो भारत का क्या स्टैंड था?
भारत ने क्रीमिया मामले पर चिंता जताई थी मगर वैध रूसी हितों की बात कर रूस का साथ भी दिया था। उस समय तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन ने यह बात कही थी। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के मामले पर संयम और ऑब्जेक्टिव रुख अपनाने के लिए भारत को धन्यवाद कहा था। उन्होंने आभार व्यक्त करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी कॉल भी किया था।