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एसईजे़ड में सीमा शुल्‍क प्रशासन पूरी तरह आईटी चालित होगा

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केन्‍द्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा कि एसईजे़ड में सीमा शुल्‍क प्रशासन पूरी तरह आईटी चालित होगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि सीमा शुल्‍क राष्‍ट्रीय पोर्टल सिर्फ जोखिम आधारित जांच के साथ उच्‍चतर सुगमीकरण पर फोकस के साथ कार्य करेगा।

पूंजीगत वस्‍तुएं तथा परियोजनागत आयात

वित्‍त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार ने पूंजीगत वस्‍तुओं एवं परियोजनागत आयात में रियायती दरों को क्रमिक रूप से हटाने तथा 7.5 प्रतिशत का साधारण प्रशुल्‍क लगाने का प्रस्‍ताव रखा है। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि उन्‍नत मशीनरियों के लिए कुछ रियायतें बनी रहेंगी, जिनका देश के भीतर विनिर्माण नहीं किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त उन्‍होंने घोषणा की कि सरकार विशेषीकृत कॉस्टिंग्‍स, बॉल स्‍क्रू तथा लीनियर मोशन गाइड जैसे मामलों में कुछ छूट देगी, जिससे कि पूंजीगत वस्‍तुओं के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्‍साहित किया जा सके।

उन्‍होंने कहा, ‘‘ हमारे अनुभव बताते हैं कि युक्तिसंगत प्रशुल्‍क अनिवार्य आयातों की लागत को उल्‍लेखनीय रूप से प्रभावित किये बिना घरेलू उद्योग तथा ‘‘मेक इन इंडिया’ के विकास के अनुकूल हैं’’ तथा उन्‍होंने यह भी बताया कि बिजली, उर्वरक, कपड़ा जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों में पूंजीगत वस्‍तुओं को कई शुल्‍क छूटे प्रदान की गई हैं, जिन्‍होंने घरेलू पूंजीगत वस्‍तु उद्योग के विकास को बाधित किया है। उन्‍होंने कहा कि इसी प्रकार परियोजनागत आयात शुल्‍क छूटों में भी कोयला खनन, बिजली उत्‍पादन जैसे कुछ क्षेत्रों में स्‍थानीय उत्‍पादकों को समान अवसरों से वंचित किया है।

सीमा शुल्‍क छूट एवं प्रशुल्‍क सरलीकरण की समीक्षा

सीतारमण ने स्‍मरण किया कि पिछले दो बजटों में सरकार ने कई सीमा शुल्‍क छूटों को युक्तिसंगत बनाया है। उन्‍होंने बताया कि क्राउड सोर्सिंग के साथ व्‍यापक विमर्शों के बाद सरकार ने 350 से अधिक छूट प्रविष्टियों को चरणबद्ध तरीके से हटाए जाने का प्रस्‍ताव रखा है। इनमें कुछ कृषि उपज, रसायन, फैब्रिक, चिकित्‍सा उपकरण, दवा आदि क्षेत्रों पर छूट भी शामिल है। उन्‍होंने कहा कि इसके अतिरिक्‍त एक सरलीकरण उपाय के रूप में कई रियायतें दर्रें, इन्‍हें विभिन्‍न अधिसूचनाओं के माध्‍यम से अनुशंसित करने की बजाय सीमा शुल्‍क प्रशुल्‍क अनुसूची में ही समाविष्‍ट की जा रही है। इस समीक्षा से सीमा शुल्‍क दर और प्रशुल्‍क संरचना, विशेष रूप से रसायन, कपड़ा और धातु जैसे क्षेत्र के लिए सरल हो जाएंगी और विवाद कम से कम होगा।

उन्‍होंने कहा कि जो वस्‍तुएं भारत में विनियमित की जाती हैं, या की जा सकती हैं, उनके लिए छूट हटाने से और इंटरमिडियट उत्‍पादों के विनिर्माण में प्रयुक्‍त होने वाले कच्‍चे माल पर रियायती शुल्‍क लगाने से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ के हमारे लक्ष्‍य को हासिल करने में बहुत अधिक मदद मिलेगी।

मंत्री ने बतायाकि सीमा शुल्‍क सुधारों ने घरेलू क्षमता निर्माण, एमएसएमई को समान अवसर उपलब्‍ध कराने, कच्‍चा माल आपूर्ति पक्ष की बाधाओं को सरल बनाने, व्‍यवसाय करने की सुगमता बढ़ाने तथा पीएलआई एवं चरणबद्ध विनिर्माण योजनाओं जैसी सरकार की नीतिगत पहलों के लिए एक सक्षमकर्ता के रूप में बहुत महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है।उन्‍होंने कहा कि इन उद्देश्‍यों के अनुरूप क्षेत्र विशिष्‍ट प्रस्‍तावों इस प्रकार हैं-

इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स

उच्‍च विकास इलेक्‍ट्रॉनिक वस्‍तुओं, पहनने योग्‍य एवं सुनने योग्‍य उपकरणों तथा इलेक्‍ट्रॉनिक स्‍मार्ट मीटरों के घरेलू निर्माण को सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए सीतारमण ने श्रेणीबद्ध दर संरचना मुहैया कराने के लिए सीमा शुल्‍क की दरों में आंशिक संशोधन करने की घोषणा की। उन्‍होंने यह भी कहा कि मोबाइल फोन चार्जरों के ट्रांसफार्मर और मोबाइल कैमरा मॉडयूल के कैमरा लैंस तथा कुछ अन्‍य वस्‍तुओं के कल-पुर्जों के लिए भी शुल्‍क में रियायतें दी जा रही हैं।

रत्न एवं आभूषण

वित्त मंत्री ने कहा कि रत्न और आभूषण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए काटे और तराशे गए हीरे तथा रत्न पत्थरों पर सीमा शुल्क में पांच प्रतिशत की कटौती की जा रही है। केवल काटे गए हीरे पर शून्य सीमा शुल्क लगेगा। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स के माध्यम से आभूषण निर्यात की सुविधा प्रदान करने के लिए एक सरल विनियामक ढांचा 2022 के जून तक क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अल्प-मूल्यांकित इमिटेशन आभूषण के आयात को कम करने के लिए सरकार ने इमिटेशन आभूषण पर कम से कम 400 रुपये प्रति किलोग्राम सीमा शुल्क का प्रस्ताव किया है।

रसायन

उन्होंने यह घोषणा भी की कि घरेलू मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने के लिए मेथेनॉल, एसीटिक एसिड और पेट्रोलियम रिफाइनिंग के लिए हेवी फीड स्टॉक पर सीमा शुल्क कम करने का प्रस्ताव है, जबकि सोडियम साइनाइड पर शुल्क बढ़ाया जा रहा है क्योंकि इसके लिए पर्याप्त घरेलू क्षमता मौजूद है।

निर्यात

वित्त मंत्री ने कहा कि निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए सजावटी सामान, ट्रिमिंग, फास्नर्स, बटन, जिपर, लाइनिंग सामग्री, विनिर्दिष्ट चमड़ा, फर्नीचर फिटिंग्स तथा पैकेजिंग बॉक्स, जिनकी हस्तशिल्प, कपड़े और चर्म परिधानों, लेदर फुटवियर तथा अन्य वस्तुओं के वास्तविक निर्यातकों को जरूरत पड़ सकती है छूट दी जा रही है। उन्होंने कहा कि झींगी जलीय खेती के लिए कुछ इनपुट पर शुल्क कम किया जा रहा है, ताकि निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।

ईंधन का सम्मिश्रण

सीतारमण ने कहा कि ईंधन का सम्मिश्रण सरकार की एक प्राथमिकता है। ईंधन के सम्मिश्रण के लिए प्रयासों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से असम्मिश्रित ईंधन पर 1 अक्टूबर, 2022 से 2 रूपये प्रति लीटर का अतिरिक्त विभेदक उत्पाद शुल्क लगेगा।

वस्तु एवं सेवा कर में प्रगति

सीतारमण ने कहा, ‘’जीएसट स्वतंत्र भारत का एक ऐतिहासिक सुधार रहा है, जो सहकारी संघवाद की भावना को दिखाता है।” उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद के मार्गदर्शन और निरीक्षण में कुशलतापूर्वक तथा सावधानी पूर्वक चुनौतियों से पार पाया गया है।

उन्होंने कहा कि सुविधा उपलब्ध कराने और प्रवर्तन के बीच सही संतुलन ने महत्वपूर्ण रूप से बेहतर अनुपालन संभव किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए करदाताओं की प्रशंसा की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने कर की अदायगी करके उत्साहपूर्वक योगदान दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी के बावजूद जीएसटी राजस्व में उछाल आया है।

सीतारमण ने कहा कि भारतीय पूरी तरह आईटी चालित और प्रगतिशील जीएसटी व्यवस्था के लिए गौरव का अनुभव करते हैं। इस व्यवस्था ने एक बाजार-एक कर के भारत के संजोये सपने को साकार किया है। उन्होंने आशा व्यक्ति की कि सरकार आने वाले वर्ष में शेष चुनौतियों का निराकरण करेगी।

सीतारमण ने कोविड-19 महामारी से लड़ने में सभी कस्टम अधिकारियों के असाधारण कार्य के लिए उनकी सराहना की और कहा कि सीमा शुल्क प्रशासन ने स्वयं की नई खोज की है और उदार बनाई गई प्रक्रियाओं तथा टेक्नोलॉजी के माध्यम से ‘’फेसलेस सीमा शुल्क पूरी तरह स्थापित’’ की गई है।