बजट अर्थव्यवस्था को दिशा देने के लिए इंडिया@75 से इंडिया@100 की ओर ले जाने की बुनियाद
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा कि हम आजाद का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और अमृत काल में प्रवेश कर गए हैं जो अगले 25 वर्षों की लंबी यात्रा के बाद इंडिया@100 पर पहुंचाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को दिशा देने के लिए इंडिया@75 से इंडिया@100 की ओर ले जाने की बुनियाद रखना है।
अमृत काल का विज़नः
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा विज़न अगले 25 वर्षों में सूक्ष्म आर्थिक स्तर-समग्र कल्याण पर बल देते हुए व्यापक आर्थिक विकास में मदद करना, डिजिटल अर्थव्यवस्था एवं फिनटेक, टेक्नोलॉजी समर्थित विकास, ऊर्जा परिवर्तन तथा जलवायु कार्य योजना को प्रोत्साहन देना तथा सार्वजनिक पूंजी निवेश की मदद से निजी निवेश प्रारंभ करने के प्रभावी चक्र से लोगों को निजी निवेश से सहायता उपलब्ध कराना है।
चार प्राथमिकताएं:
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम गतिशक्ति, समावेशी विकास, उत्पादकता में वृद्धि और निवेश, उद्यामान अवसर, ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु कार्य योजना तथा निवेशों का वित्त पोषण के इस समग्र बजट की चार प्राथमिकताएं हैं।
विकास के लिए बजटः
वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वर्ष में 9.2 प्रतिशत के अनुमानित आर्थिक विकास के साथ यह सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि भविष्य के अनुरूप और समावेश बजट विकास के लिए बल देता है जिससे हमारे युवाओं, महिलाओं और किसानों, अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों को सीधे लाभ पहुंचाएगा। पीएम गतिशक्ति आधुनिक अवसंरचना के लिए बड़े सार्वजनिक निवेश का मार्ग निर्देशित करेगी जिससे बहु-विध दृष्टिकोण के साथ समन्वय से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के सुधार में देश की दृढ़ता दिखाई दे रही है।
टीकाकरण अभियान की गति और कवरेजः
वित्त मंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि टीकाकरण अभियान की गति और कवरेज तथा पिछले दो वर्षों में स्वास्थ्य अवसंरचना में तीव्र विकास से हमे चुनौतियों का सामना करने में मदद मिली है।
उन्होंने यह भी दोहराया कि हम ओमीक्रॉन लहर के दौर में हैं, इसके काफी मामले आए है, लेकिन लक्षण हल्के पाए गए हैं। उन्होंने बल देते हुए कहा कि सबका प्रयास दृढ़ विकास की यात्रा जारी रखने में भारत को सहायता देगा।
वित्त मंत्री ने सभी अवसरों का लाभ उठाने में गरीबों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ विभिन्न आय वर्गों में आने वाले मध्य वर्ग की बड़ी आबादी को आवश्यक पारितंत्र प्रदान करने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया।