सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की दोनों 40 मंजिला इमारतों को गिराने आदेश दिया, कहा दो सप्ताह के अंदर ध्वस्त करे इमारत
नोएडा में बने सुपरटेक बिल्डर कंपनी के दो टावरों को सुप्रीम कोर्ट ने गिराने का आदेश दिया है। इन रिहायशी इमारतों को 2 सप्ताह के भीतर ध्वस्त करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया है। ये बिल्डिंग सुपरटेक कंपनी के एमेराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में बनी हैं। कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी के सीईओ को आदेश दिया है कि वह 72 घंटे यानी 3 दिनों के अंदर सभी संबंधित पक्षों की एक मीटिंग बुलाएं। इस बैठक में इमारतों को गिराने का शेड्यूल तय करें। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक लिमिटेड को आदेश दिया था कि वह इन इमारतों में फ्लैट खरीदने वाले लोगों को रकम वापस करें।
तब भी अदालत ने कहा कि इन बिल्डिंग को 28 फरवरी तक गिरा दिया जाए। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की अदालत ने कहा कि जिन लोगों के होम लोन बकाया हैं, उन्हें बिल्डर कंपनी जल्द क्लियर करे। यही नहीं लोन क्लियर होने के बाद खरीददारों को 10 अप्रैल तक एनओसी दे। अदालत ने कहा कि 38 ग्राहकों ने उसके पास अर्जी दाखिल की है और इमारतों को गिराए जाने पर रिफंड की मांग की है। इससे पहले अदालत ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिनमें बीते साल अगस्त में उसकी ओर से इमारतों को गिराने के आदेश को बदलने की मांग की गई थी।
बिना जरूरी मंजूरी के ही सुपरटेक की इन 40 मंजिला इमारतों के कई फ्लैट बनाने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने इन इमारतों को ध्वस्त करने का आदेश देते हुए कहा था कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित 2009 की मंजूरी योजना अवैध थी।