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एनएफएआई ने प्रसिद्ध मणिपुरी नृत्यांगना सविता बेन मेहता का व्यक्तिगत संग्रह प्राप्त किया

प्रसिद्ध मणिपुरी नृत्यांगना, सविता बेन मेहता की घरेलू फिल्मों का एक बड़ा संग्रह अब राष्ट्रीय अभिलेखागार का हिस्सा है। सौंपा गया संग्रह 8 मिमी और सुपर 8 मिमी फिल्म प्रारूप में है, जिसका उपयोग ‘होम मूवी’ के रूप में निजी फिल्मों को शूट करने के लिए किया जाता है।

प्रसिद्ध कलाकार के कोडाक्रोम और कोडाक्रोम II होम मूवीज के इस व्यक्तिगत संग्रह को एनएफएआई संरक्षण के लिए प्राप्त कर रहा है, क्योंकि ये फुटेज महत्वपूर्ण सामाजिक दस्तावेज हो सकते हैं। विशेष रूप से शौकिया उपयोग के लिए, कोडाक्रोम और कोडाक्रोम II को क्रमशः 1935 और 1961 में पेश किया गया था। कोडाक्रोम II ‘नियमित कोडाक्रोम’ से बेहतर था।

मणिपुरी शास्त्रीय नृत्य भगवान कृष्ण और राधा के बीच के प्रेमपूर्ण संबंधों को दर्शाता है। इस नृत्य कला की विशेषता है – सुंदर परिधानों, भावपूर्ण और कोमल मुद्राओं का उपयोग। मणिपुरी नृत्य शैली की महान प्रतिपादक सविता बेन मेहता ने इसे विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाया। मणिपुरी नृत्य में वे अद्वितीय थीं। दिलचस्प बात यह है कि उनका जन्म गुजरात में हुआ था, उन्होंने बड़ौदा के आर्य कन्या विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और बैले नृत्य के निर्देशक तथा कोरियोग्राफर के रूप में भी उल्लेखनीय योगदान दिया।

एनएफएआई के निदेशक प्रकाश मगदुम ने कहा, “मैं 8 मिमी फिल्मों का यह महत्वपूर्ण संग्रह प्राप्त करके खुश हूं, जो एनएफएआई के लिए एक दुर्लभ प्राप्ति है। व्यापक रूप से यह समझा जाता है कि 1960 और 1970 के दशक में 8 मिमी और सुपर 8 मिमी फिल्में प्रचलन में थीं। इस संग्रह में पूर्वोत्तर भारत में शूट किए गए फुटेज के साथ-साथ उसके नृत्य प्रदर्शन के फुटेज हो सकते हैं। हम जल्द ही इनका डिजिटलीकरण करेंगे। मैं उद्योगपति जय मेहता के परिवार का आभारी हूं, जो सविता बेन मेहता के भतीजे हैं।“ सुश्री मेहता कई भाषाओं में कुशल थीं और फुटेज में उनकी लिखावट मैतेई (मणिपुर की भाषा) में है।

यह दान-कार्य प्रसिद्ध कला क्यूरेटर दीप्ति शशिधरन (निदेशक, एका संग्रह सेवाएं) और रचेल नोरोन्हा के सहयोग व समर्थन से संभव हुआ है।