केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, चार्टर्ड अकाउंटेंट देश के खाते की अंतरात्मा के रखवाले होते हैं
केंद्रीय मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चार्टर्ड एकाउंटेंट देश के खाते के जागरूक रखवाले हैं, इसलिए एक राष्ट्र के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए उनका ईमानदार विवेक बहुत महत्वपूर्ण है।
डॉ. जितेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के वार्षिक पुरस्कार प्रस्तुति कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां उन्होंने देश के विभिन्न कॉरपोरेट घरानों के साथ-साथ सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इकाइयों को वित्तीय रिपोर्टिंग और अंतर्राष्ट्रीय सतत रिपोर्टिंग में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर आईसीएआई के अध्यक्ष सीए निहार जंबुसरिया और आईसीएआई उपाध्यक्ष सीए (डॉ.) देबाशीष मित्रा ने भी अपने विचार रखे। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में टाटा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस, एनएचपीसी समेत भारत के कुछ अन्य प्रमुख कॉर्पोरेट और सार्वजनिक क्षेत्र के घराने शामिल थे।
अपने संबोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान देश की प्रमुख लेखा संस्था है, उसे सभी संबंधितों द्वारा पालन किए जाने वाले ठोस लेखांकन प्रथाओं और मानकों को स्थापित करने का कार्य सौंपा गया है। ऐसा करते हुए उन्होंने कहा कि आईसीएआई को राष्ट्र निर्माण के हित में जवाबदेही, उत्कृष्टता और ईमानदारी के सर्वोच्च मानकों का पालन करने की उच्च अपेक्षाओं पर खरा उतरना है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने “व्यापार में आसानी” लाने और वैश्विक मानकों के अनुकूल भारतीय अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिए कई पथप्रदर्शक उपायों की शुरुआत की है। ऐसे में उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में आईसीएआई की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वित्तीय बाजारों के सफल संचालन के लिए वित्तीय रिपोर्टिंग महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसने वार्षिक रूप से प्रकाशित रिपोर्टों के माध्यम से समान रूप से उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि यह बदले में सरकार और उसकी एजेंसियों को आवश्यक संसाधन आवंटित करने में भी मदद करता है और देश की आय व अन्य संबंधित क्षेत्रों की गणना के लिए नींव के रूप में कार्य करता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि आईसीएआई ने विभिन्न भारतीय लेखा मानकों को जारी किया और लेखांकन के क्षेत्र में सबसे उन्नत क्षेत्रों के अनुरूप लाने के लिए कुछ पिछले लेखांकन मानकों को भी संशोधित किया।
1958 में स्थापित “इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया अवार्ड्स फॉर फाइनेंशियल रिपोर्टिंग” विभिन्न कंपनियों को वित्तीय रिपोर्टिंग के अपने मानकों में सुधार करने के लिए एक विश्वसनीय मंच प्रदान करता है। हालांकि इस साल पहली बार आईसीआईए ने जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता आदि जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले संगठनों को मान्यता देने और उन्हें पुरस्कृत करने के नेक उद्देश्य के साथ “सस्टेनेबल रिपोर्टिंग अवार्ड्स” भी शुरू किया है।