प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोक कल्याण मार्ग पर अफगानिस्तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को सम्मानित किया और अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं को सुरक्षित रूप से भारत लाने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया।
प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और कहा कि वे अतिथि नहीं है बल्कि अपने ही घर में हैं, उन्होंने यह भी कहा कि भारत उनका घर है। उन्होंने अफगानिस्तान में उनके सामने आने वाली अत्यधिक कठिनाइयों तथा उन्हें सुरक्षित भारत लाने के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सहायता के बारे में चर्चा की।
इस आलोक में, उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के महत्व तथा समुदाय के लिए इसके लाभ के बारे में भी बात की। उन्होंने उन्हें भविष्य में भी निरंतर सहायता करने के साथ-साथ उनके सामने आने वाली सभी समस्याओं और कठिनाइयों को हल करने का भरोसा दिलाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में अपने आवास पर एक अफगान सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। pic.twitter.com/7r6w9VjF0L
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2022
प्रधानमंत्री ने गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मान की परम्परा के महत्व के बारे में भी चर्चा की। जिसके आलोक में गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को अफगानिस्तान से वापस लाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अफगानिस्तान के नागरिकों से प्राप्त अपार प्रेम की भी चर्चा की तथा काबुल की अपनी यात्रा का स्मरण किया।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने समुदाय को सुरक्षित वापस लाने के लिए भारत से सहायता भेजने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि जब कोई भी उनके साथ नहीं खड़ा था तो प्रधानमंत्री ने निरंतर समर्थन तथा समय पर सहायता सुनिश्चित की। प्रतिनिधि मंडल के अन्य सदस्यों ने भी संकट के समय उनके लिए खड़े होने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि उनकी आंखों में आंसू आ गए थे जब उन्होंने उन्हें समुचित सम्मान के साथ गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूप को अफगानिस्तान से भारत वापस लाने के लिए विशेष व्यवस्था के बारे में सुना।
उन्होंने सीएए लाने के लिए भी उन्हें धन्यवाद दिया, जो उनके समुदाय के सदस्यों के लिए अत्यधिक मददगार होगा। उन्होंने कहा कि वह केवल भारत के प्रधानमंत्री नहीं है बल्कि दुनिया के प्रधानमंत्री हैं, क्योंकि वह दुनियाभर में विशेष रूप से हिंदुओं और सिखों के सामने आने वाली कठिनाइयों को समझते हैं तथा ऐसे सभी मामलों में तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं।