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जीएसटी धोखाधड़ी: अधिकारियों ने 38.5 करोड़ रुपये की कर चोरी से जुड़े नकली चालान रैकेट का खुलासा किया

पंचकुला सीजीएसटी जोन के अंतर्गत केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) कमिश्नरी, फरीदाबाद ने 23 फरवरी 2022 को हरियाणा के फरीदाबाद में पंजीकृत रद्दी लोहे (आयरन स्क्रैप) के व्यापार में संलग्न पांच (5) नकली फार्मों को शामिल करके माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना 200 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी चालान जारी करने और धोखाधड़ी से 31.85 करोड़ रुपये मूल्य के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने एवं उसे जारी करने से संबंधितएक फर्जी बिलिंग रैकेट चलाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया।

सीजीएसटी कमिश्नरी, फरीदाबाद के अधिकारियों की एक टीम ने 22 फरवरी, 2022 को फरीदाबाद में पांच स्थानों पर एक साथ तलाशी ली। जांच के दौरान, यह पाया गया कि उक्त फर्में माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना जाली/फर्जी चालान के आधार पर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा रही हैं और उसे जारी कर रही हैं।

सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 के अनुसार, पांच करोड़ रुपये से अधिक राशि पर माल या सेवाओं की आपूर्ति के बिना चालान या बिल जारी करना और गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का उपयोग करना एक संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है।

प्रारंभिक जांच के दौरान, उक्त फर्मों के दोनों मालिकों ने अंतर-राज्यीय प्राप्तकर्ताओं को माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना 31.85 करोड़ रुपये मूल्य के फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने और उसे जारी करने की बात स्वीकार कर ली है और कुल 31.85 करोड़ रुपये की जीएसटी देयता स्वीकार कर ली है। भविष्य में इसकी मात्रा बढ़ सकती है।

इसलिए, दोनों आरोपियों को केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम अधिनियम, 2017 की धारा 132 (1) (बी), 132 (1) (सी) और 132 (5) के तहत अपराध के लिए केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्हें 23 फरवरी 2022 को सीजेएम कोर्ट, फरीदाबाद के समक्ष पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।